प्रतापगढ़ की ग्राम पंचायतों में विकास के लिए आने वाले फंड के गबन का मामला सामने आया है। करीब आधा दर्जन सचिवों और कई सफाई कर्मियों पर गबन के आरोप हैं। एक सचिव को पहले ही निलंबित किया जा चुका है। जांच में पता चला है कि 15 से 20 लाख रुपये निकाले जाने के बाद भी विकास कार्य नहीं कराए गए।
संवाद सूत्र, प्रतापगढ़। ग्राम पंचायतों के विकास के लिए शासन से आने वाले फंड का गबन हो रहा है। एक दो लाख नहीं बल्कि 15 से 20 लाख रुपये निकाले जाने के बाद विकास कार्य नहीं कराया गया।
आरोप में एक सचिव को निलंबित किया जा चुका है। गबन करने वाले सचिवों की संख्या एक दो नहीं बल्कि आधा दर्जन है। उनके विरुद्ध भी जांच शुरू हो गई है।
जनपद में एक हजार 148 ग्राम पंचायतें हैं। ग्राम पंचायतों में प्रत्येक तीन से चार माह में राज्य वित्त व केंद्रीय वित्त का मद आता है।
सचिव लालचंद्र पाल को कर दिया गया निलंबित
इस मद से ग्राम पंचायतों में प्राथमिक विद्यालयों का कायाकल्प, नाली एवं नाले की निर्माण, इंटरलाकिंग और खड़ंजा आदि तरह का विकास कार्य कराया जाता है। विकास कार्यों के लिए मिलने वाली धनराशि का गबन हो रहा है। इसकी जीता जागता उदाहरण सामने है। 15 लाख रुपये का गबन करने पर लालगंज के अगई के सचिव लालचंद्र पाल को निलंबित कर दिया गया।
यह भी पढ़ें- अवैध संबंधों का विरोध करने पर पत्नी को पिलाया 4 चम्मच जहरीला सिरप, घर में ही तड़पता हुआ छोड़ा; फिर...
इसी तरह से गौरा, शिवगढ़ और बिहार के एक-एक सचिव के विरुद्ध विभाग द्वारा गोपनीय जांच शुरू हो गई है। साथ ही सदर, लक्ष्मणपुर और पट्टी ब्लाक में तैनात एक-एक सचिव पर भी गड़बड़ी करने के मामले में जांच चल रही है। फिलहाल इसकी भनक लगते ही वह कार्रवाई से बचने के लिए वह हर प्रयास कर रहे हैं।
सप्ताह भर के अंदर कर दिया जाएगा निलंबित
साथ ही तैनाती के दौरान ग्राम पंचायतों की सफाई न करने वाले दर्जन भर सफाई कर्मियों की भी सूची तैयार हो हो रही है। उम्मीद है कि सप्ताह भर के भीतर उनको निलंबित कर दिया जाएगा।
जिला पंचायत राज अधिकारी श्रीकांत दर्वे ने बताया कि विकास कार्यों की धनराशि हजम करने वाले एक सचिव को निलंबित किया जा चुका है। अन्य सचिवों पर भी कठोर कार्रवाई की जाएगी।
ग्राम प्रधान भी हैं शामिल
जिन ग्राम पंचायतों में गड़बड़ी हुई है। उसमें सचिव के साथ ही ग्राम प्रधान भी दोषी है। उन पर भी डीएम स्तर से कार्रवाई होने जा रही है। वहीं संडवा चंद्रिका ब्लाक की एक ग्राम पंचायत के सचिव के फर्जी हस्ताक्षर से भुगतान होने का मामला सामने आया है। जांच शुरू हो गई है।
यह भी पढ़ें- फेसबुक की फोटो के जरिए 10 साल बाद मिला परिवार से बिछड़ा बेटा, ट्रक चालक ने पेश की मानवता की मिसाल
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।