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पर्यावरण संरक्षण जीवन के लिए आवश्यक

प्रतापगढ़ मानव सहित समस्त जीवों के सुखमय जीवन के लिए संतुलित पर्यावरण की आवश्यकता है। इसके

By JagranEdited By: Updated: Wed, 20 Oct 2021 10:59 PM (IST)
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पर्यावरण संरक्षण जीवन के लिए आवश्यक

प्रतापगढ़ : मानव सहित समस्त जीवों के सुखमय जीवन के लिए संतुलित पर्यावरण की आवश्यकता है। इसके लिए पर्यावरण का संरक्षण करना हम सभी का दायित्व है। आज हम अपनी जिज्ञासा और नई नई खोज की अभिलाषा में पर्यावरण को असंतुलित कर रहे हैं,जिससे हमारा पर्यावरण प्रदूषित होता जा रहा है। आज जरूरत है कि हम अपनी आवश्यकता के लिए पर्यावरण को असंतुलित न करें।

सन 1972 में स्टॉकहोम सम्मेलन में भारत सरकार ने संपूर्ण विश्व का ध्यान पर्यावरण संरक्षण के प्रति आकृष्ट कराया। भारत सरकार ने सन 1976 में संविधान में संशोधन कर नया अनुच्छेद 48ए और 51ए(जी) जोड़ दिया। अनुच्छेद 48 ए सरकार को निर्देश देता है कि सरकार पर्यावरण की सुरक्षा करेगी तथा उसमें यथा आवश्यक सुधार कर सकेगी। इसी प्रकार अनुच्छेद 51 ए (जी) निर्देश देता है कि देश के समस्त नागरिक हमारे पर्यावरण की रक्षा करेंगे। संयुक्त राष्ट्र में पर्यावरण के लिए प्रति वर्ष पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन पर्यावरण संरक्षण के लिए संपूर्ण देश में जगह जगह पौधारोपण किया जाता है। पर्यावरण संरक्षण केवल सरकारी कार्यक्रम नहीं है, बल्कि हम सभी की साझी जिम्मेदारी है। प्रत्येक नागरिक को अपनी जिम्मेदारी समझना चाहिए और पर्यावरण संरक्षण में अपना अमूल्य योगदान करना चाहिए। पर्यावरण का सामान्य अर्थ प्रकृति द्वारा प्रदान किया गया समस्त भौतिक और सामाजिक वातावरण यथा जल,वायु, पेड़-पौधे,पर्वत,प्राकृतिक संपदा आदि पर्यावरण संरक्षण के अंतर्गत आते हैं। पर्यावरण संरक्षण के तीन प्रमुख उपाय हैं, जिनमें पहला पर्यावरण संरक्षण को हानि पहुंचाने वाली चीजों यथा प्लास्टिक से बनी वस्तुएं आदि का उपयोग कम से कम करना चाहिए। दूसरा पुन: उपयोग में आने वाली वस्तुओं को हमें खरीदना चाहिए, जैसे काग•ा,कांच,प्लास्टिक से बनी चीजें। तीसरा जिन वस्तुओं को दुबारा बनाकर प्रयोग कर सकते हैं,उनके प्रयोग को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। जैसे अखबार, गत्ता आदि को दुबारा बनाकर प्रयोग किया जा सकता है। इससे पर्यावरण भी शुद्ध रहेगा और धन का अपव्यय भी कम होगा। पर्यावरण संरक्षण को असंतुलित करने वाले कारकों में वायु प्रदूषण,जल प्रदूषण,ध्वनि प्रदूषण,भूमि प्रदूषण,रेडियो धर्मी प्रदूषण प्रमुख हैं। आज जरूरत इन सभी प्रदूषणों को कम करने में अपनी अग्रणी भूमिका का निर्वहन करना है। आज मानव सहित संपूर्ण जीव मंडल पर्यावरण प्रदूषण के आगोश में ह। इस स्थिति से लड़ने के लिए हमें आगे आना चाहिए और पर्यावरण संरक्षण में अपनी अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए। ऐसा करके हम प्रदूषण की तीव्रता को कम कर सकेंगे और पर्यावरण संरक्षण करके जीवन को स्वस्थ और स्वच्छ रख सकते हैं। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि 'पर्यावरण संरक्षित है तो हमारा जीवन सुरक्षित है।

-डॉ. विध्याचल सिंह, प्रधानाचार्य, राजकीय बालिका इंटर कालेज, बरहदा प्रतापगढ़

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