यूपी के इस जिले में पंचायत भवन निर्माण को खरीदी जाएगी जमीन, शासन ने जारी किया आदेश
ग्रामीण को गांव में ही आय जाति मूल खसरा खतौनी आदि सेवा देने के लिए पंचायत भवन बनकर तैयार हो चुके हैं। अधिकांश भवनों में कामन सेंटर संचालित होने लगे हैं। यहां तैनात पंचायत सहायक काम कर रहे हैं। सरकार पंचायत भवन निर्माण प्राथमिकता के आधार पर करा रही है। विवाद के चलते कई ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन बनाने के लिए जमीन का सीमांकन नहीं हो पा रहा है।
संवाद सूत्र, प्रतापगढ़। ग्रामीण को गांव में ही आय, जाति, मूल, खसरा, खतौनी आदि सेवा देने के लिए पंचायत भवन बनकर तैयार हो चुके हैं। अधिकांश भवनों में कामन सेंटर संचालित होने लगे हैं। यहां तैनात पंचायत सहायक काम कर रहे हैं। सरकार पंचायत भवन निर्माण प्राथमिकता के आधार पर करा रही है।
विवाद के चलते कई ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन बनाने के लिए जमीन का सीमांकन नहीं हो पा रहा है। न्यायालय में लंबित हैं। इस पर नया तरीका निकाला गया है। जमीन खरीदकर पंचायत भवन बनाया जाएगा। जनपद में एक हजार 148 ग्राम पंचायतें हैं। इसमें से एक हजार 300 से अधिक ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन बनकर तैयार हो चुका है।
इसमें जनपद की आसपुर देवसरा, बिहार, कालाकांकर, सांगीपुर, शिवगढ़ एवं बाबा बेलखरनाथ धाम ब्लॉक की आधा दर्जन ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन बनाने को जमीन उपलब्ध नहीं हो पा रही है। इस कारण पंचायत भवन निर्माण शुरू नहीं हो पा रहा है। उसी परेशानी को देखते हुए शासन ने जिला पंचायत राज अधिकारी को जमीन खरीदने के लिए कहा है। इसमें गांव के सर्किल रेट के अनुसार जमीन खरीदी जाएगी।
अधिकतम आठ लाख रुपये में दो बिस्वा जमीन खरीदने की योजना है। प्रत्येक पंचायत भवन बनाने में 18 लाख से 22 लाख रुपये का खर्च आएगा। इसके लिए लगभग छह कमरे, एक बड़ा हाल, शौचालय आदि बनाया जाना है। तीन माह के भीतर इसे बनाकर इसकी जियो टैगिंग करनी होती है।
जिला पंचायत राज अधिकारी आलोक कुमार सिन्हा ने बताया कि जिन ग्राम पंचायतों में विवाद के चलते जमीन का सीमांकन नहीं हो पा रहा है। कोर्ट में प्रकरण लंबित है। ऐसे में उन ग्राम पंचायतों में जमीन खरीदने की कवायद चल रही है।
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