सामूहिक विवाह योजना के तहत इस साल 1444 जोड़ों की शादी कराने का लक्ष्य, पात्रता की जांच के लिए जाएंगे राजस्व अधिकारी
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना शासन की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 1444 जोड़ों की शादी कराने का लक्ष्य है। इसमें प्रत्येक कन्याओं की शादी कराने में 51 हजार रुपये खर्च होता है। इसमें छह हजार रुपये खानपान और टेंट में खर्च होता है। साथ ही 35 हजार रुपये लड़की के बैंक खाते में भेजा जाता है।
संवाद सूत्र, प्रतापगढ़। हर वर्ग की जरूरतमंद बेटियों के विवाह के लिए शासन की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना की शुरुआत हुई है। इसके तहत गरीब बेटियों के हाथ पीले किए जाते हैं। इस योजना को और पारदर्शी बनाने के लिए समाज कल्याण विभाग ने नियम और प्रक्रियाओं को और अधिक परिभाषित कर एसओपी तैयार की है।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना शासन की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 1444 जोड़ों की शादी कराने का लक्ष्य है। इसमें प्रत्येक कन्याओं की शादी कराने में 51 हजार रुपये खर्च होता है। इसमें छह हजार रुपये खानपान और टेंट में खर्च होता है। साथ ही 35 हजार रुपये लड़की के बैंक खाते में भेजा जाता है। साथ ही 10 हजार रुपये उपहार के रूप में खर्च किए जाने का प्रविधान है।
राजस्व अधिकारी जांचेंगे पात्रता
बलिया और सुलतानपुर जिले में योजना में हुई गड़बड़ी को देखते हुए शासन ने फैसला लिया है कि इस बार सामूहिक विवाह के लिए चयनित जोड़ों में से 10 प्रतिशत जोड़ों की रैंडम सत्यापन राजस्व अधिकारी करेंगे। इसमें नायब तहसीलदार, तहसीलदार व अन्य अधिकारी जांच करने लाभार्थियों के घर जाएंगे। इसके बाद पात्र होने पर हाथ पीले कराए जाएंगे।जिला समाज कल्याण अधिकारी नागेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि योजना में 10 प्रतिशत लाभार्थियों के यहां रैंडम जांच करने राजस्व अधिकारी जाएंगे। बाकी जांच ब्लॉकों के अधिकारी करेंगे।
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