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Pratapgarh News: खाते में 28 करोड़ डंप, नहीं खर्च कर पाईं पंचायतें, कैसे लिखी जाए विकास की इबारत?

प्रतापगढ़ में ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों के लिए शासन से मिले फंड का उपयोग नहीं हो पा रहा है। जिले की 1148 ग्राम पंचायतों में राज्य वित्त और 15वां वित्त के 28 करोड़ रुपये खाते में डंप हैं। पंचायतीराज विभाग के निदेशक ने इसकी समीक्षा करने के लिए सख्त निर्देश दिए हैं और अगर फंड खर्च नहीं किया गया तो संबंधित अधिकारी कार्रवाई की जद में आ सकते हैं।

By praveen yadav Edited By: Shivam Yadav Updated: Wed, 25 Sep 2024 08:35 PM (IST)
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बुधवार को बरसात होने के बाद संग्रामगढ़ बाजार में सड़क किनारे लगा पानी और खस्ता हाल सड़क।

संवाद सूत्र, प्रतापगढ़। ग्राम पंचायतों में विकास की इबारत लिखी जाए। शासन से मिले फंड को विकास कार्यों में खर्च किया जाए, जिससे ग्राम पंचायतें विकसित बन सकें, शासन का यही मकसद होता है, लेकिन यहां कुछ और ही है। ग्राम पंचायतों के खाते में करोड़ों रुपये डंप हैं, प्रधान उसे अभी तक खर्च नहीं कर सके।

जिले में 1,148 ग्राम पंचायतें हैं। इसमें हर तीन से चार माह में राज्य वित्त व 15वां वित्त के तहत खाते में पैसा आता है। देखा जाए तो अभी भी ग्राम पंचायतों में राज्य वित्त के आठ करोड़ और 15वां वित्त के 20 करोड़ रुपये खाते में डंप हैं। 

सबसे अधिक राज्य वित्त का पैसा लालगंज के जगन्नाथपुर, लालूपुर, मानधाता के खालिदपुर, कुंडा के भदसिव व चौसा में डंप है। वहीं 15वां वित्त का अधिक पैसा संडवा चंद्रिका, लालगंज, कालाकांकर व मानधाता ब्लाक के गांवों में अधिक डंप है। 

नियम है कि राज्य वित्त का पैसा सामुदायिक शौचालय के केयर टेकर के मानदेय, नाली, डस्टविन आदि में खर्च किए जाने का प्रविधान है। वहीं 15वां वित्त का पैसा प्राथमिक विद्यालयों के कायाकल्प, स्वच्छता संबंधी कार्य, खड़ंजा, इंटरलॉकिंग आदि में खर्च किया जाता है। ग्राम प्रधान इस पैसे को विकास कार्यों में खर्च करने में रुचि नहीं ले रहे हैं। इस वजह से यह फंड खाते में डंप पड़ा है।

इसे लेकर पंचायतीराज विभाग के निदेशक सख्त हो गए हैं। दो-तीन दिन बाद इसकी समीक्षा करने जा रहे हैं। अगर इस फंड को इसके पहले खर्च न किया गया। खाते में डंप मिला तो संबंधित अधिकारी कार्रवाई की जद में आ सकते हैं। 

जिला पंचायत राज अधिकारी श्रीकांत दर्वे ने बताया कि ग्राम पंचायतों के खाते में राज्य वित्त और 15वां वित्त के 28 करोड़ रुपये डंप है। इसे खर्च न करने पर सचिवों को सचेत किया गया है।

नोटिस देकर किया जा चुका है सचेत

सरकारी फंड को खर्च न करने के आरोप में डीपीआरओ पहले भी लालगंज, कालाकांकर, कुंडा, बिहार, सदर, मानधाता और संडवा चंद्रिका के आधा दर्जन से अधिक सचिवों को सचेत कर चुके हैं। खराब प्रगति होने पर यहां के अधिकारियों की शासन में किरकिरी हो रही है। वीडियो कांफ्रेंसिंग में फटकार झेलनी पड़ रही है।

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