घाटा दिखाकर रेलवे ने छीनी सुविधा
इन दिनों रेलवे ने प्रतापगढ़ से होकर गुजरने वाली तीन गाड़ियां बंद कर दी हैं। रेलवे ने घाटा को कारण बताकर सुविधा छीन ली। इस वजह से यात्रियों का सफर दुश्वार हो गया है। यहां तक कि प्रयागराज तक जा पाने में भी उनको मुश्किल हो रही है।
जागरण संवाददाता, प्रतापगढ़ : इन दिनों रेलवे ने प्रतापगढ़ से होकर गुजरने वाली तीन गाड़ियां बंद कर दी हैं। रेलवे ने घाटा को कारण बताकर सुविधा छीन ली। इस वजह से यात्रियों का सफर दुश्वार हो गया है। यहां तक कि प्रयागराज तक जा पाने में भी उनको मुश्किल हो रही है।
कोरोना काल में अधिकांश ट्रेन का संचालन बंद हो गया था। बाद में केवल प्रवासी श्रमिकों को घर लाने के लिए स्पेशल ट्रेन चलाई गई। प्रतापगढ़ में इस तरह की 82 ट्रेन आई थी। उसके बाद कोरोना का कहर जब थमा तो जनवरी से ट्रेन का संचालन धीरे-धीरे बहाल होने लगा। इस बीच माघमेला भी पड़ गया। इसके लिए रेलवे ने मनवर संगम एक्सप्रेस चला दी। प्रयागघाट-लखनऊ पैसेंजर चला दी। दोनों गाड़ियां चला दी। इससे लोगों को सुविधा मिलने लगी। प्रयागराज व अयोध्या जाने वाले लोगों को सहूलियत हो गई। अचानक आधा मार्च बीतने पर रेलवे ने घाटा दिखाकर दोनों गाड़ियों को बंद कर दिया। सरयू एक्सप्रेस व साकेत एक्सप्रेस बहाल ही नहीं हुई। इस बारे में स्थानीय रेल अधिकारी कुछ नहीं बता पा रहे। स्टेशन अधीक्षक त्रिभुवन मिश्र कहते हैं कि उच्च अफसरों का निर्णय है। यहां से इसका निर्णय नहीं हुआ है।
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कैसे पहुंचें मंजिल तक
ट्रेन की सुविधा छिन जाने से लोग परेशानी झेल रहे हैं। वह आक्रोशित भी हैँ। दैनिक जागरण ने बात छेड़ी तो वह खुलकर बोले। पूरे ओझा के पूर्व बीडीसी कमलेश ओझा ने कहा कि घाटा हो रहा था तो चेकिग कराते, सुविधा नहीं छीननी चाहिए। वरिष्ठ संगीतज्ञ श्यामल चटर्जी का कहना है कि ट्रेन से हर गरीब-आम आदमी आसानी से सफर कर लेता है। इसे कोरोना की सतर्कता के साथ चलाया जाना चाहिए। पूर्व शिक्षक अब्दुल हकीम का कहना है कि ट्रेन बंद करना मनमानी है। रेलवे को ऐसा नहीं करना चाहिए। आंवला कारोबारी चंद्र प्रकाश शुक्ल ने कहा कि ट्रेन के बंद होने से लोग प्रयागराज तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। लोगों को इलाज, कोर्ट कचहरी व धार्मिक कारणों से वहां जाना पड़ता है। इसकी सुविधा दी जानी चाहिए।