Pratapgarh News: मां की अर्थी देख थम गईं बेटे के दिल की भी धड़कनें, परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
आशुतोष की मां ने बीमारी के कारण 58 वर्ष की उम्र में दम तोड़ दिया। परिवार के लोग उनका अंतिम संस्कार रसूलाबाद में करके लौटे। मां के बारे में सोचकर आशुतोष अवसादग्रस्त होते गए। सदमे के चलते आशुतोष ने अंतिम सांस ले ली।
प्रतापगढ़, जागरण संवाददाता। यूपी के प्रतापगढ़ में मां की अर्थी देख बेटे के दिल की भी धड़कनें भी थम गईं। सबको दहला देने वाली यह घटना सिविल लाइन की है।
पहले पत्नी, फिर बेटे की मौत
जिला सहकारी बैंक रिटायर्ड ब्रांच मैनेजर ब्रम्हदीन पांडेय के जीवन में आंसुओं का ऐसा सैलाब आया, जो सारी खुशियों, उम्मीदों को बहा ले गया। वह 2014 में बैंक से सेवानिवृत होकर घर बनवाकर रहने लगे थे। उनके बड़े बेटे संतोष पांडेय लखनऊ में स्वास्थ्य विभाग में लैब टेक्नीशियन के पद पर हैं। छोटे बेटे 37 वर्षीय आशुतोष पांडेय भी इसी पद पर सीएचसी मंदाह में थे। घर पर ही रहते हुए माता-पिता का सहारा बने थे। परिवार में सब अच्छा चल रहा था कि रविवार को तूफान सा आ गया।
बीमारी की वजह से हुई पत्नी की मौत
आशुतोष की मां शकुंतला पांडेय ने बीमारी के कारण 58 वर्ष की अवस्था में दम तोड़ दिया। परिवार के लोग उनका अंतिम संस्कार रसूलाबाद में करके लौटे। तब से आशुतोष गुमशुम हो गए। मां के बारे में सोचकर अवसादग्रस्त होते गए। अभी शकुंतला की चिता की आग पूरी तरह से ठंडी नहीं हुई थी कि सदमे के चलते आशुतोष ने सोमवार को सुबह बेचैनी होने के बाद अंतिम सांस ले ली। मां की मौत के बाद बेटे की मौत ने सबको झकझोर दिया।
पत्नी की चिता को दी मुखाग्नि, फिर बेटे की अर्थी को उठाया
इधर, ब्रह्मदीन पांडेय के पांव ठिठक गए कि अभी पत्नी की चिता को मुखाग्नि देकर आए हैं, अब बेटे की अर्थी उठाने का दुर्भाग्य सामने था। फिलहाल, उन्होंने अपने आंसुओं को पीकर खुद को संभाला और पति के बाद अपने पितृधर्म को निभाते हुए बेटे की अर्थी लेकर फिर रसूलाबद घाट पहुंचे। साथ गए लोग इस ह्दयविदारक पीड़ा को महसूस कर मौन खड़े थे। किसी के पास कोई शब्द नहीं था, जिससे अभागे पिता व परिवार के अन्य सदस्यों को सांत्वना दे पाते। आशुतोष का छह साल का बेटा अपने बाबा की गोद में आंसू बहाते सबको देखता रहा।