फेसबुक की एक तस्वीर ने 10 साल से बिछड़े बेटे को उसके परिवार से मिला दिया। झारखंड के शाहनवाज घर से नाराज होकर निकल गया था। इसी दौरान उसकी मुलाकात प्रतापगढ़ के ट्रक चालक आशीष सिंह से हुई। आशीष उसे अपने घर ले आया और तब से शहनवाज उसके साथ ही रह रहा था। मंगलवार को शहनवाज के परिजन आशीष के घर पहुंचे और उसे अपने साथ घर ले गए।
संवाद सूत्र, जागरण, सांगीपुर (प्रतापगढ़)। नाराज होकर घर से निकले बेटे को 10 वर्ष बाद पाकर मां के आंसू नहीं रुके। बेटा भी मां से लिपट कर रो पड़ा। उदयपुर थाना परिसर में यह दृश्य देख हर किसी की आंखें खुशी में नम हो उठीं।
झारखंड के रांची के बाढु गांव के पिढोरिया निवासी 24 वर्षीय शाहनवाज किसी बात से नाराज होकर घर से चला गया था। इसी बीच उसकी मुलाकात जनपद के उदयपुर वेवली निवासी ट्रक चालक आशीष सिंह से हुई।
बातचीत के बाद आशीष उसे दोस्त मानकर यहां अपने घर ले आया। इसके बाद से शहनवाज यहीं रह रहा था। मंगलवार को अचानक एक वाहन से आधा दर्जन महिला पुरुष आशीष के घर पहुंचे तो गांव में चर्चाएं होने लगीं। किसी ने मामले की जानकारी पुलिस को दी।
शाहनवाज के पिता ने बताया कि उसका यह पुत्र 14 वर्ष की अवस्था में 10 वर्ष पूर्व नाराज होकर घर से कहीं चला गया था। काफी खोजबीन के बाद भी जानकारी नहीं मिल पाई। अचानक एक दिन फेसबुक पर एक युवक के साथ बेटे की फोटो देखने के बाद पूरी जानकारी हुई।
पिता ने बताया कि वह गायब बेटे की मां साजिदा खातून, भाई सहबाज, चाचा सुहैल, ताई फरीदा खातून के साथ उसे घर ले जाने आए हैं। ट्रक चालक आशीष ने बताया कि शहनवाज उसे पटना में एक ढाबे पर मिला। उसने आपबीती सुनाई और वह घर लौटने को तैयार नहीं था तो इंसानियत के नाते मैं उसे अपने घर ले आया।
कुछ दिन वह मेरे साथ ट्रक पर भी रहा। इधर अचानक अपने माता पिता व स्वजन को देख शहनवाज उनसे चिपककर रोने लगा। स्वजन के आंसू छलक पड़े। इसके बाद आशीष सिंह सभी को लेकर थाने पहुंचा। यहां कागजी कार्रवाई के बाद स्वजन के साथ शाहनवाज घर लौट गया।
शहनवाज के जाते समय आशीष सिंह व उनका पूरा परिवार भावुक हो उठा दिखा। एसओ राधे बाबू का कहना है कि कागजी कार्रवाई के बाद स्वजन शहनवाज को साथ ले गए।
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