Pratapgarh Hindi News अवैध संबंध परिवारों को उजाड़ देते हैं। खुशियों पर ग्रहण बन जाते हैं। अपनों की जान लेने में भी लोग हिचकते नहीं। कुछ ऐसा ही हुआ पट्टी कोतवाली के जलालपुर किठौली में। यहां पर मां ने प्रेमी के लिए अपने 11 साल के बच्चे को मौत के घाट उतार दिया ताकि उसका प्रेम प्रसंग जगजाहिर ना हो।
जागरण संवाददाता, प्रतापगढ़। पट्टी कोतवाली के जलालपुर किठौली में मां ही अपने कलेजे के टुकड़े की कातिल बन गई। उसने उसे पकड़े रखा और उसके प्रेमी ने गला दबाकर मार डाला, ताकि उनके अवैध रिश्ते का राज न खुले।
पुलिस ने इस मामले में मां, प्रेमी और दो किशोर को गिरफ्तार किया है।
यह घटना एक जुलाई से शुरू होती है। उस रात गांव के अवधेश कुमार की पत्नी सरस्वती के घर उसका प्रेमी गांव का ही रोशनलाल आया था। वह पहले भी कई बार आ चुका था। उसे रंगरेलियां मनाते 11 साल के बेटे उमेश ने अचानक देख लिया। बच्चे ने धमकी दी कि इस गलत काम के बारे में वह पापा समेत अन्य लोगों को बता देगा।
डंडे से वार कर फोड़ा सिर
इसपर रोशनलाल ने उसे समझाया कि वह ऐसा न करे। वह नहीं माना तो रोशन उसे धमकी देने लगा व पीटने लगा। इस पर गुस्से में उमेश ने पास पड़े डंडे से रोशन के सिर पर वार कर दिया। इससे उसका सिर फट गया। इसके बाद राज छिपाने को मां सरस्वती ने उमेश को दोनों हाथों से पकड़ लिया और रोशनलाल ने उसका गला दबा दिया। इससे गले की हड्डी टूट गई।
मौके पर ही बालक की जान चली गई।
मौत के बाद शव छिपाना हुआ मुश्किल
कहते हैं कि एक पाप को छिपाने को सौ पाप करने पड़ते हैं। इसमें भी ऐसा ही हुआ। बच्चे की मौत के बाद अब शव छिपाने का सवाल था। इस कार्य के लिए रोशन ने अपने घर के पास के दो किशोरों को बुलाया। मना करने पर उमेश जैसा हश्र करने की धमकी दी।
इसके बाद रोशन ने दोनों किशोरों की मदद से शव को बोरे में भरकर घर से करीब आधा किलोमीटर दूर बेकार पड़े कुएं में डालकर चुपचाप अपने घर चले आया। सुबह जब गांव के कुछ लोगों ने सिर में चोट का कारण पूछा तो रोशन ने बाइक से गिर जाने की झूठी बात बताई।
एसपी अनिल कुमार ने की पूरे मामले की मॉनिटरिंग
जब इसका पता पुलिस को चला तो एसपी डा. अनिल कुमार ने पूरे प्रकरण की मॉनिटरिंग की। इसमें स्वाट को भी लगाया। फोरेंसिक टीम भी भेजी। सीओ पट्टी आनंद कुमार राय, एसओ आलोक कुमार, दारोगा श्यामसुंदर गिरि, प्रशिक्षु दारोगा अर्चना व टीम ने आरोपित उमेश की मां सरस्वती, उसके प्रेमी रोशनलाल व लाश को ठिकाने लगाने में साथ रहे 16 साल के दो किशोरों को गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में सारी घटना क्रमवार खुल गई।
शुरू से था मां पर संदेह
पुलिस को गुमराह करने को उमेश की मां ने बेटे की गुमशुदगी की तहरीर देकर केस दर्ज कराया था। सोमवार को एएसपी पूर्वी दुर्गेश कुमार सिंह ने सई कॉम्प्लेक्स में पत्रकारों को बताया कि शुरू से ही सरस्वती के हावभाव देखकर उस पर संदेह होने लगा था। तकनीकी साक्ष्य भी सटीक मिले।
इसके कारण हत्या का राज सामने आ सका। पहले यह केस बीएनएस 137(2) में दर्ज किया गया था। हत्या की पुष्टि होने पर हत्या की नई धारा 103(1)/238/3(5) में बदल दिया गया।
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