जागरण संवाददाता, प्रतापगढ़। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जब अयोध्या से चित्रकूट तक प्रभु श्रीराम के यहां से होकर गुजरने की बात कही तो लोगों को उम्मीद जगी के वह अपने संबोधन में कुंडा और बाबागंज विधानसभा का भी नाम लेंगे, पर ऐसा न हो सका।
20 मिनट के भाषण में एक बार भी उन्होंने न तो कुंडा और बाबागंज का नाम लिया, न ही उन्होंने जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष व कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया के बारे में ही कुछ कहा। जबकि गृहमंत्री से बेंगलुरु में रघुराज प्रताप हैं, तब से राजनीतिक अटकलों का बाजार गरम है।
कौशांबी लोकसभा के सिराथू, मंझनपुर और चायल के पूर्व विधायकों को केवल मंचासीन होने का मौका ही नहीं मिला, बल्कि उन्हें संबोधन करने का अवसर भी दिया गया। उन्होंने अबकी पार 400 पार पर बार-बार जोर दिया। गृहमंत्री शाह ने अपने संबोधन के अंतिम मिनट में जब कौशांबी के केले की चर्चा की तो लोगों को लगा कि वह कुंडा के आम के बारे में भी कहेंगे। क्योंकि इस आम की बदौलत कुंडा की पहचान देश-विदेश में भी होती है।
जनसभा में रघुराज प्रताप सिंह के मंच साझा करने की अटकलें तीन दिन से लगाई जा रही थीं। इसलिए जो लोग जनसभा में आए उसमें कई लोग रघुराज को भी देखने की आस लगाकर आए थे, मगर जनसभा के दौरान ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।