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प्रतापगढ़ में दर्दनाक हादसा, रोटावेटर में फंसकर टुकड़े-टुकड़े हो गया 'कलेजे का टुकड़ा', समेटना पड़ा शव

Pratapgarh News प्रतापगढ़ में दर्दनाक हादसा हुआ है। बच्चे की जिद के चलते एक किसान ने अपने इकलौते बेटे को ट्रैक्टर पर बैठा लिया। किसान ने अपने नाती की जिद पूरी करने के लिए उसे ट्रैक्टर पर बिठा लिया। अचानक झटका लगने से हिमांशु ट्रैक्टर से गिरकर पीछे बंधे रोटावेटर में फंस गया। रोटावेटर में फंस कर बच्चे के टुकड़े-टुकड़े हो गए। बच्चे का मांस खेत में छिटका पड़ा था।

By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Sat, 22 Jul 2023 08:38 AM (IST)
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प्रतापगढ़ में दर्दनाक हादसा, रोटावेटर में फंसकर टुकड़े-टुकड़े हो गया 'कलेजे का टुकड़ा'
प्रतापगढ़, जागरण संवाददाता। इसे कालचक्र कहें या बच्चे की जिद मान लेने की गलती। रोटावेटर में फंसने से सात साल का बच्चा टुकड़े-टुकड़े हो गया। उसकी ऐसी दर्दनाक मौत पर साथ रहे उसके नाना समेत स्वजन गश खा गए। मां अचेत हो गई और गांव में भी मातम छा गया। अंतू थाना के चौबेपुर फतेहपुर अंतू के राम नारायण वर्मा किसान हैं। उनकी बेटी ऊषा उनके ही साथ रहती हैं।

शुक्रवार सुबह सात बजे राम नारायण धान की रोपाई के लिए खेत में रोटावेटर से जुताई कर रहे थे। खेत घर के सामने ही है। उनके नाती हिमांशु ने नाना को देखा तो खेत की ओर चला गया। कुछ देर के लिए ट्रैक्टर पर बैठाने की जिद करने लगा। नाना ने पहले तो रोका, कहा कि वह घर जाए, लेकिन बच्चा नहीं माना और रोने लगा। इस पर राम नारायण ने ट्रैक्टर रोका व उसे ऊपर चढ़ाकर ड्राइविंग सीट के बगल वाली लोहे की सीट पर बैठा लिया। इसके बाद जुताई करने लगे।

रोटावेटर में फंस कर बच्चे के हो गए टुकड़े

अचानक झटका लगने से हिमांशु ट्रैक्टर से गिरकर पीछे बंधे रोटावेटर में फंस गया। यह देख राम नारायण ने हड़बड़ाकर चीखते हुए ट्रैक्टर रोका, लेकिन तब तक मासूम चपेट में आ चुका था। पड़ोसी दौड़े। राम नारायण के छोटे भाई राज नारायण, भतीजे बृजेश वर्मा भागकर पहुंचे। किसी तरह बच्चे को निकालने लगे तो उसका सिर कहीं, पैर कहीं देख सबका कलेजा मुँह को आ गया। नाना तो गश खाकर गिर गए। बच्चे का मांस खेत में छिटका पड़ा था। स्थिति यह हो गई कि उसे बटोरना पड़ा।

मां हो गई बेहोश

तब तक मां ऊषा भी रोते-चीखते आ गई। बच्चे का शव देख खेत में ही चक्कर खाकर गिर गई। प्रधान लवलेश पांडेय भी आए। लोमहर्षक घटना से गांव के लोग भी गमगीन हो गए हैं। उसके मामा बृजेश वर्मा ने बताया कि हिमांशु का इसी साल स्कूल में दाखिला कराया गया था। पहले वह आंगनबाड़ी केंद्र में जाता था। पिता घर पर नहीं थे। बच्चे के शव को बाग में दफना दिया गया।

टूट गया है परिवार

ट्रैक्टर के सहारे परिवार चौबेपुर के राम नारायण नाती को खोकर गमगीन हैं। वह कभी रोते हैं तो कभी खामोश हो जाते हैं। वह गांव के साधारण किसान हैं। गांव के एक व्यक्ति का ट्रैक्टर चलाकर उससे मिलने वाली मजदूरी से परिवार को पालते हैं। अपने कलेजे के टुकड़े का ये हाल देखकर पूरा परिवार टूट गया है।

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