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UPPCL: बिजली विभाग की नई पहल, अब मीटर रीडर नहीं कर सकेंगे मनमानी; लखनऊ से आई टीम कर रही सर्वे

अब मीटर रीडर की मनमानी नहीं चलेगी। उन्हें प्रतिदिन अपने कार्यों का एक रजिस्टर तैयार करना होगा। इसकी मानीटरिंग भी होगी। इसके लिए टीमें उपभोक्ताओं के घर पहुंचकर उनका फीडबैक लेंगी। इससे मीटर रीडरों की बेचैनी बढ़ गई है। जिले में चार विद्युत पारेषण खंड है। रानीगंज कुंडा लालगंज सदर। चारों डिवीजन में कुल 67 विद्युत उपकेंद्र हैं। करीब साढ़े पांच लाख विद्युत उपभोक्ता हैं।

By Sumit Mishra Edited By: Abhishek Pandey Updated: Tue, 27 Feb 2024 04:28 PM (IST)
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बिजली विभाग की नई पहल, अब मीटर रीडर नहीं कर सकेंगे मनमानी; लखनऊ से आई टीम कर रही सर्वे
संवाद सूत्र, प्रतापगढ़। अब मीटर रीडर की मनमानी नहीं चलेगी। उन्हें प्रतिदिन अपने कार्यों का एक रजिस्टर तैयार करना होगा। इसकी मानीटरिंग भी होगी। इसके लिए टीमें उपभोक्ताओं के घर पहुंचकर उनका फीडबैक लेंगी। इससे मीटर रीडरों की बेचैनी बढ़ गई है।

जिले में चार विद्युत पारेषण खंड है। रानीगंज, कुंडा, लालगंज सदर। चारों डिवीजन में कुल 67 विद्युत उपकेंद्र हैं। करीब साढ़े पांच लाख विद्युत उपभोक्ता हैं। उपभोक्ताओं को प्रतिमाह उन्हें बिल जमा करना पड़ता है। मीटर रीडिंग की जिम्मेदारी मीटर रीडरों की है। इसके लिए मीटर रीडरों का रूटचार्ट तैयार किया गया है, ताकि उपभोक्ताओं को समय से बिल मिल सके और वह बिल जमा कर सके, लेकिन मीटर रीडर पूरी पारदर्शिता से काम नहीं करते हैं।

वह घर बैठे ही मनमाने तरीके से रीडिंग कर बिल तैयार करते हैं। इससे उपभोक्ताओं को परेशान होना पड़ता है। बिल संशोधन कराने के लिए उपभोक्ताओं को कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है। इधर, बिल में लगातार आ रही खामियों की शिकायत को संज्ञान में लेकर लखनऊ की दो सदस्यीय टीम यहां एक महीने पहले जांच करने आई थी।

चारों डिवीजन में टीम डोर-टू-डोर सर्वे किया, जिसमें मीटर रीडरों की ढेर सारी शिकायतें सामने आई। उनकी मनमानी पर रोक लगाने के लिए विभाग की ओर से नई पहल शुरू की गई है। कार्य में बदलाव भी किया है। अब मीटर रीडरों को एक रजिस्टर तैयार करना होगा। इसमें प्रतिदिन उन्हें अपने कार्यों का जिक्र करना होगा। कितने उपभोक्ताओं के मीटर की रीडिंग की गई है। उनका फोन नंबर क्या है। इसके अलावा उनका डिटेल आदि अंकित करना होगा। खास बात यह है कि इसकी मानीटरिंग भी होगी।

अफसरों की टीमें उपभोक्ताओं से इसका फीड बैक भी लेंगी। इससे मीटर रीडरों में खलबली मची है। अधीक्षण अभियंता सत्यपाल ने बताया कि इस पहल से मीटर रीडरों के कार्यों में पारदर्शिता आएगी। उपभोक्ताओं को परेशान नहीं होना पड़ेगा।

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