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यूपी के इस शहर में हीटवेव से 11 की मौत, श्मशान घाट पर चिता जलाने के लिए करनी पड़ रही प्रतीक्षा

प्रचंड गर्मी से उबल रहे प्रयागराज के लिए मंगलवार का दिन आंशिक राहत लेकर आया। सुबह अचानक बादलों की घेराबंदी के साथ तेज हवाएं चलने लगी। कुछ स्थानों पर हल्की बूंदाबांदी भी हुई। दोपहर 12 बजे तक सबकुछ अच्छा था पर दोपहर बाद बादलों को चीरकर निकली धूप ने लोगों को फिर बेहाल कर दिया। पारा भले ही पांच डिग्री कम हुआ पर उमस भरी गर्मी ने बेहाल किए रखा।

By Sharad Dwivedi Edited By: Vivek Shukla Updated: Wed, 19 Jun 2024 11:34 AM (IST)
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दारागंज श्मशान घाट पर जलते शव। जागरण
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। गर्मी का कहर जारी है। दिन में घर से निकलना मुश्किल हो गया है। बदन झुलसाने वाली गर्मी में लोगों के प्राण निकल रहे हैं। मंगलवार को प्रयागराज जिला में 11 मौतें हुईं। इससे अंतिम संस्कार करने में समस्या आ रही है। स्थिति यह है कि श्मशान घाटों पर पार्थिव शरीर जलाने के लिए लोगों को डेढ़ से दो घंटे प्रतीक्षा करनी पड़ रही है। वहीं, सरकारी व निजी अस्पतालों के बेड मरीजों से भर गए हैं।

नैनी प्रतिनिधि के अनुसार मेवालाल की बगिया के पास सोमवार की रात कौंधियारा निवासी 40 वर्षीय छोटू पुत्र हीरालाल का शव पड़ा मिला। वह मजदूरी करते थे। पुलिस ने संभावना जताई कि उनकी मौत गर्मी से हुई है।

करछना के लकटहा गांव निवासी चिंतामणि का पुत्र 30 वर्षीय संजय मुंबई से घर आ रहे थे। ट्रेन में संजय की तबीयत बिगड़ी और दम टूट गया। मृतकों की संख्या बढ़ने से श्मशान घाटों पर सुबह से लेकर रात 10 बजे के बाद तक दाह संस्कार हो रहा है।

रसूलाबाद घाट पर प्रत्येक दिन चिताएं जलने की संख्या औसत 15 से बढ़कर 55 और दारागंज घाट पर 20 से बढ़कर 60 हो गई है। रसूलाबाद घाट पर दाह संस्कार कराने वाले जगदीश त्रिपाठी ने बताया कि हालात गंभीर है। सामान्य दिनों में सूर्यास्त के बाद दाह संस्कार नहीं होता, लेकिन इनदिनों रात में भी शव जलाए जा रहे हैं। दारागंज घाट पर दाह संस्कार कराने वाले नरेश निषाद ने बताया कि रात 10 बजे तक दाह संस्कार कराया जा रहा है।

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बेटी का अंतिम संस्कार करने गए पिता की मौत

नई झूंसी बाजार निवासी 50 वर्षीय गुलाब चंद्र निषाद की 19 वर्षीया पुत्री अंशिका की सोमवार सुबह बेली अस्पताल में मौत हो गई थी। झूंसी गंगा घाट पर अंतिम संस्कार के दौरान गुलाब चंद्र की तबियत बिगड़ गई। इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। डाक्टरों ने संभावना जताई की हीटवेव से मौत हुई है। वहीं, चक हरिहर वन इलाके में की 65 वर्षीय उर्मिला देवी मंगलवार दोपहर बैंक से पेंशन लेकर घर पहुंचीं। थोड़ी देर में तबीयत बिगड़ गई। बेटा राजेश उन्हें अस्पताल ले गया जहां उनकी मृत्यु हो गई।

दंपत्ति समेत सात की मृत्यु

जसरा प्रतिनिधि के अनुसार क्षेत्र के दौना गांव निवासी 66 वर्षीय श्रीनारायण पाल, उनकी 64 वर्षीय पत्नी धनपत्ति देवी गोशाला में रहते थे। सोमवार की रात घर के लोग भोजन लेकर पहुंचे ताे दोनों मृत मिले। वहीं जसरा बाजार निवासी 65 वर्षीय संगम लाल केशरवानी पुत्र रामप्रताप बाजार में फुटपाथ पर डलिया की दुकान लगाते थे। लू लगने से मंगलवार दोपहर में उनकी मौत हो गई।

शंकरगढ़ प्रतिनिधि के अनुसार चित्रकूट जिले के बबुरी खपटिहा गांव निवासी 38 वर्षीय बृजेश सिंह दोपहर शिवराजपुर स्थित डाक बंगले के पास नवनिर्मित मकान के सामने मजदूरों से बात करते समय अचेत हो गए। उन्हें चिकित्सक के पास ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। वहीं, शिवराजपुर स्थित क्वारी नंबर 5 में 50 वर्षीय कुंजबिहारी की मृत्यु हो गईं।

करछना प्रतिनिधि के अनुसार जौनपुर निवासी छात्र संदीप कुमार मंगलवार को यूजीसी नेट की परीक्षा देने औद्योगिक क्षेत्र के सड़वा विद्यालय में आया था। गर्मी से उसकी स्वास्थ्य बिगड़ गया। इनका इलाज चल रहा है।

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आंध्र प्रदेश के चार श्रद्धालुओं को लगी लू

संगम स्नान के लिए आंध्र प्रदेश से आए 40 सदस्यीय श्रद्धालुओं के दल में तीन महिलाओं समेत चार लोगों की हालत बिगड़ गई। ये नैल्लोर जिले से एक बस में काशी विश्वनाथ होते हुए मंगलवार को प्रयागराज आए। संगम स्नान किया।

स्नान करके बस की ओर आते समय चिंतामणि वेंकट रमैया, एकेमा, काकी पदमा और रामादेवी की तबीयत बिगड़ गई। रास्ते में कोई गश खाकर गिरा, किसी को पेट दर्द के साथ उल्टियां होने लगीं। स्थानीय दुकानदारों ने एंबुलेंस बुलाकर उन्हें तेज बहादुर सप्रू चिकित्सालय भेजा। अधीक्षक डा. एमके अखौरी ने बताया कि चारों श्रद्धालु हीटवेव के चलते अस्वस्थ हो गए थे। सबको दोपहर बाद छुट्टी दे दी गई।

रेलवे स्टेशन पर तीन दिन में 16 मौतें

अगर आप ट्रेन से यात्रा कर रहे हैं तो सावधान रहिए, क्योंकि प्रचंड गर्मी से यात्रियों का स्वास्थ्य बिगड़ रहा है। सरकारी आंकड़े बता रहे हैं कि तीन दिन में रेलवे स्टेशनों पर 16 मौतें हुई। पंचनामा में लिखा गया कि मौतें गर्मी के कारण तबियत बिगड़ने से हुई।

प्लेटफार्म के बाहर सर्कुलेटिंग एरिया तथा आउटर के मामले जोड़ लें तो 16 से 18 जून तक 24 लोगों की मौतें हुई हैं। प्रयागराज जंक्शन पर मथुरा निवासी 25 वर्षीय पूजा, मीरजापुर की 90 वर्षीय राजधरी, छत्तीसगढ़ की 65 वर्षीय लक्ष्मीबाई, शामली के 42 वर्षीय सरफराज कुरैशी की प्लेटफार्म पर अचानक तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई।

स्टेशनों से दो अज्ञात पुरुषों का शव पोस्टमार्टम हाउस भेजा गया। प्रयाग स्टेशन पर जबलपुर की ऊषा, रामबाग में कर्नाटक की अननतमा, छिवकी में मीरजापुर के पवन कुमार शर्मा की मृत्यु रेलवे स्टेशन पर तबीयत बिगड़ने से हुई। छिवकी व रामबाग स्टेशन पर दो महिलाओं समेत चार की मौत हुई है।

जीआरपी थाना प्रभारी राजीव रंजन उपाध्याय के अनुसार पंचायत नामा में शामिल लोगों से बातचीत में पता चला कि तेज गर्मी से यात्रियों की तबीयत बिगड़ी, जिससे मौतें हुईं।

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