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Prayagraj Heat Wave: प्रयागराज में प्रचंड गर्मी का दिख रहा असर, 72 घंटे में 22 लोगों को ब्रेन हेमरेज

ब्रेन हेमरेज होने पर दिमाग की नस फट जाती है या खून के थक्के जम जाते हैं। जिन्हें ब्रेन हेमरेज हो रहा है उनमें ब्लड प्रेशर शुगर के मरीज मानसिक तनाव और ज्यादा वजन वाले लोग हैं। इनमें किसी को कड़ी धूप में कहीं जाते हुए ब्रेन हेमरेज हुआ तो ऐसे भी लोग हैं जो काफी देर तक एसी या कूलर की ठंडक में थे और अचानक धूप में निकले।

By amardeep bhatt Edited By: Vivek Shukla Updated: Wed, 29 May 2024 10:35 AM (IST)
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प्रयागराज में तापमान 48 डिग्री सेल्सियस पार हो गया। जागरण
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। गर्मी विकराल है। इससे लोगों की जान पर आफत आ गई है। लोगों को ब्रेन हेमरेज होने लगा है। स्वरूपरानी अस्पताल में ब्रेन हेमरेज के प्रतिदिन औसत चार मरीज लाए जा रहे हैं। 72 घंटे में मेडिसिन विभाग से रेफर किए जाने पर न्यूरो सर्जरी विभाग में 13 लोगों को भर्ती किया गया।

इनकी अवस्था 42 से 70 साल तक है। इससे पहले ब्रेन हेमरेज के प्रतिदिन एक या दो मरीज लाए जाने की स्थिति थी। कुछ ऐसा ही हाल न्यूरो सर्जन की उपलब्धता वाले निजी अस्पतालों का है, इनमें तीन दिन में नौ मरीज भर्ती किए जा चुके हैं। इधर, मृतकों की संख्या भी बढ़ गई है।

चिकित्सकों का कहना है कि ब्रेन हेमरेज होने पर दिमाग की नस फट जाती है या खून के थक्के जम जाते हैं। जिन्हें ब्रेन हेमरेज हो रहा है उनमें ब्लड प्रेशर, शुगर के मरीज, मानसिक तनाव और ज्यादा वजन वाले लोग हैं।

इनमें किसी को कड़ी धूप में कहीं जाते हुए ब्रेन हेमरेज हुआ तो ऐसे भी लोग हैं जो काफी देर तक एसी या कूलर की ठंडक में थे और अचानक धूप में निकले। भर्ती 22 लोगों में 14 के दिमाग की नस का आपरेशन होना है।

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वहीं, श्मशान घाटों पर दाह संस्कार के दैनिक आकड़े बता रहे हैं कि गर्मी व लू से मौतें भी होने लगी हैं। दारागंज घाट पर औसत 25 मृतकों का दाह संस्कार हो रहा है। यहां दाह संस्कार कराने वाले हुल्लर बताते हैं कि 15 दिनों पहले तक औसत 18 या 20 शव लाये जा रहे थे।

रसूलाबाद में दाह संस्कार कराने वाले जगदीश त्रिपाठी के अनुसार प्रत्येक दिन औसत 24 शवों का दाह संस्कार हो रहा है। दो सप्ताह पहले यह संख्या 15 के आसपास थी। फाफामऊ श्मशान घाट पर भी इन दिनों दाह संस्कार के लिए लाए जाने वाले शवों की संख्या बढ़ गई है।

तापमान का उतार-चढ़ाव कारण

एसआरएन के न्यूरो सर्जन डा. एसडी पांडेय ने बताया कि गर्मी तेज होने पर शरीर में रक्त प्रवाह अचानक घटता या बढ़ता है। जो लोग ब्लड प्रेशर, शुगर, मानसिक तनाव के मरीज हैं या जिनमें मोटापा होता है तापमान असंतुलित होने पर उनके दिमाग की नस फट जाती है या खून का थक्का जम जाता है।

गर्मी है घातक, रहें सावधान

न्यूरो सर्जन डा. एनएन गोपाल का कहना है कि धूप में न निकलें। बीपी, शुगर के मरीज विशेष रूप से सतर्क रहें। कहीं किसी को चक्कर आए, उलझन होने लगे तो फौरन रुक जाएं, आसपास किसी बता दें और फौरन अस्पताल पहुंचें।

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राह चलते बुजुर्ग बेहोश

गोहरी रोड रेलवे क्रासिंग के पास मंगलवार को दोपहर में पैदल जा रहे 70 वर्षीय बृजलाल की तबीयत अचानक बिगड़ गई। थोड़ी देर में वह बेहोश हो गया। आसपास मौजूद लोग एक प्राइवेट अस्पताल ले गए। इलाज से उसे होश आ गया। बृजलाल ने बताया कि वह हाजीगंज का निवासी है।

अभी बढ़ेगा गर्मी का प्रकोप, बाहर निकलें तो ढकें शरीर

भीषण गर्मी, गर्म हवा व लू से बचाव के लिए जिला प्रशासन ने एडवाइजरी जारी कर दी है। कहा गया है कि अभी गर्मी का प्रकोप और बढ़ेगा, ऐसे में घर से बाहर निकलें तो शरीर को ढके रहें।

जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल के निर्देश पर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी व एडीएम वित्त विनय कुमार सिंह ने एडवाइजरी जारी की है। कहा गया है कि गर्म हवा से बचने के लिए खिड़की को रिफ्लेक्टर जैसे एल्युमिनियम पन्नी, गत्ते से ढककर रखें।

जिन खिड़की, दरवाजों से गर्म हवा आने की संभावना हो वहां काले रंग के पर्दे लगाएं। हो सके तो घर से बाहर न निकलें। संतुलित, हल्का व नियमित भोजन करें। बासी खाना न खाएं। घर में लस्सी, छांछ, मट्ठा, बेल का शर्बत, नमक चीनी का घोल, नीबू पानी या आम का पना इत्यादि का प्रयोग करें। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि अधिक तापमान अभी बना रहेगा।

ऐसे लग जाती है लू

गर्मी में शरीर के द्रव्य बाडी फ्ल्यूड सूखने लगते हैं। शरीर में पानी, नमक की कमी होने पर लू लगने का खतरा ज्यादा रहता है। डाययूरेटिक, एंटीस्टिमिनक, मानसिक रोग की औषधि का उपयोग करने वाले व्यक्ति भी लू से सावधान रहें।

हीटवेव (लू) के प्रति जोखिम (कमजोर वर्ग एवं क्षेत्र की पहचान)

-पांच वर्ष से कम आयु के बच्चे व 65 वर्ष से ज्यादा के व्यक्ति।

-गर्भवती महिलाएं

-ऐसे व्यक्ति जो सैन्य, कृषि, निर्माण और औद्योगिक व्यवसाय में श्रमिक, मजदूर, खिलाड़ी आदि हों।

-शारीरिक तौर पर कमजोर व्यक्ति एवं मोटापे से ग्रस्त व्यक्ति।

-त्वचा संबंधित रोग जैसेः-सोरायसिस, पायोडर्मा आदि से प्रभावित व्यक्ति।

-पर्यावरण बदलने के कारण गर्मी की अनुकूलनता का अभाव।

-नींद पूरी न होना।

सहायता के लिए करें फोन

एंबुलेंस 108, पुलिस -112, राहत आयुक्त कार्यालय 1070 टोल फ्री, जिला इमरजेंसी आपरेशन सेंटर प्रयागराज कंट्रोल रूम 0532-2641577, 0532-2641578

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