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प्रयागराज में 39 वीं इंदिरा मैराथन शुरू, बैंड की धुन से देश भक्ति का माहौल; उत्साह बढ़ाने को लगी लोगों की भीड़

प्रयागराज में 39वीं इंदिरा मैराथन की धूम बैंड की धुनों से देशभक्ति का माहौल। धावकों का उत्साह बढ़ाने के लिए उमड़ी लोगों की भीड़। 42.195 किलोमीटर की इस मैराथन में पहली बार महिला और पुरुष धावकों को एक साथ रवाना किया गया। खेल निदेशक ने कहा कि पूरे उत्तर प्रदेश में खेल को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है।

By Jagran News Edited By: Abhishek Pandey Updated: Tue, 19 Nov 2024 09:33 AM (IST)
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प्रयागराज में 39 वीं इंदिरा मैराथन शुरू, बैंड की धुन से देश भक्ति का माहौल
जागरण संवादाता, प्रयागराज। 39 वीं इंदिरा मैराथन का शुभारंभ हो गया। ठीक सुबह 6:30 बजे मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत, खेल निदेशक आर पी सिंह ने धावकों को झंडी दिखाकर रवाना किया।आनंद भवन के सामने गन शाट के साथ धावकों ने प्रारंभिक लाइन को पार किया और विजेता बनने की दौड़ शुरू हो चुकी है।

42.195 किलोमीटर की इंदिरा मैराथन में पहली बार महिला और पुरुष भावकों को एक साथ रवाना किया गया।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए खेल निदेशक ने कहा कि पूरे उत्तर प्रदेश में खेल को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। उसी क्रम में इंदिरा मैराथन भी भव्य तरीके से संपन्न कराई जाएगी ।

धावक इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सामने से तेलियरगंज होते हुए अब म्योहाल की ओर की ओर बढ़ेंगे। अपराह्न 2:30 बजे मदन मोहन मालवीय स्टेडियम में मैराथन का समापन होगा। यहां पर खिलाड़ियों को पुरस्कार दिए जाएंगे। प्रथम पुरस्कार के रूप में ₹200000 द्वितीय पुरस्कार के रूप में ₹100000 वह तृतीय पुरस्कार के रूप में 75 हजार रुपये दिए जाएंगे। जबकि क्रमवार रूप से 10 अन्य विजेताओं को सांत्वना पुरस्कार के रूप में 10-10 हजार रुपये मिलेंगे।

प्रयागराज के अनिल अभी सबसे आगे, दूसरे नंबर पर रविदास नगर के कुलदीप

प्रयागराज: इंदिरा मैराथन के किलोमीटर संख्या 29 तक प्रयागराज के अनिल कुमार बढ़त बनाए हुए हैं । वही उनके साथ दूसरे नंबर पर संत रविदास नगर के कुलदीप सिंह है। जबकि 148 नंबर विब नंबर के साथ तीसरे स्थान पर उनके ही सेवा के साथी दौड़ रहे हैं। इसके अलावा चौथे नंबर पर गाजियाबाद के निशांत, पांचवें नंबर पर हैदराबाद के योगेश शर्मा व छठवें नंबर पर प्रयागराज के ही उत्सव कुमार दौड़ रहे हैं।

शुरुआती बढत देखकर यह उम्मीद की जा रही है कि इस बार अनिल इंदिरा मैराथन को जीतने में सफल होंगे। फिलहाल असली बढ़त वापसी के समय देखी जाएगी। ‌ जो धावक वापसी में नैनी ब्रिज पर आगे निकलेगा, उसके जीतने की संभावनाएं अधिक होंगी।

ये जज्बा बनाए रखना.....

ये सबसे उम्रदराज धावकों में 2008 में सेना से रिटायर हुए राकेश कुमार सिंह हैं। वह नैनी ब्रिज पर पहुंच चुके हैं। हर बार की तरह वह मैराथन को पूरा करने का लेकर संकल्प लेकर आगे बढ़ रहे हैं। राकेश नैनी के रहने वाले हैं।

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