Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

दिल्ली NCR के बाद प्रयागराज में भी दम घोंट रही हवा, 221 पहुंचा AQI; जहरीला हुआ वातावरण

पिछले चार दिनों से प्रयागराज में वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 200 से ऊपर बना है। सोमवार को यह 221 पहुंच गया जो खराब वायु गुणवत्ता की श्रेणी में आता है। हवा में नमी अधिक होने निर्माण कार्यों व टूटी सड़कों से उड़ती धूल और पराली जलाने की वजह से हालात बिगड़े है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार तापमान में गिरावट की वजह से प्रदूषण का स्तर बढ़ेगा।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek PandeyUpdated: Tue, 07 Nov 2023 08:51 AM (IST)
Hero Image
दिल्ली NCR के बाद प्रयागराज में भी दम घोंट रही हवा, 221 पहुंचा AQI; जहरीला हुआ वातावरण

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। पिछले चार दिनों से प्रयागराज में वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 200 से ऊपर बना है। सोमवार को यह 221 पहुंच गया जो खराब वायु गुणवत्ता की श्रेणी में आता है। हवा में नमी अधिक होने, निर्माण कार्यों व टूटी सड़कों से उड़ती धूल और पराली जलाने की वजह से हालात बिगड़े है।

मौसम विज्ञानियों के अनुसार, तापमान में गिरावट की वजह से प्रदूषण का स्तर बढ़ेगा। इसकी वजह से श्वांस रोगियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। वायु गुणवत्ता सूचकांक का आंकलन हवा में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम-2.5 और पीएम-10), नाइट्रोजन डाइआक्साइड, सल्फर डाई आक्साइड और कार्बन मोनो आक्साइड की मौजूदगी के आधार पर किया जाता है।

अभी तक अधिकतम एक्यूआइ शनिवार को रहा। शनिवार को एक्यूआई 231 था। इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इवि) पर्यावरण विज्ञान विभाग के समन्वयक डॉ. उमेश कुमार सिंह ने बताया कि दिल्ली में बढ़े वायु प्रदूषण का असर प्रयागराज में भी दिखाई दे रहा है।

वहीं शहर में फ्लाईओवर, आरओबी बन रहे हैं। निर्माण कार्यों की वजह से उड़ने वाली धूल प्रदूषण को बढ़ाती है। इसकी वजह से पार्टीकुलेट मैटर यानी पीएम 2.5 और पीएम 10 की मात्रा बढ़ी है। इसका प्रभाव वायु गुणवत्ता सूचकांक पर दिखाई दे रहा है।

इवि भूगोल विभाग के प्रोफेसर एआर सिद्दीकी के अनुसार हवा में नमी की वजह से धूल के कल सतह पर ही बने है। यही कारण है कि यह कोहासा के रूप में दिखाई दे रहा है। हवा चलने के बाद ही इससे राहत मिल पाएगी।

वहीं दूसरी ओर न्यूनतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है जबकि अधिकतम तापमान 33 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना है। दिन और रात के तापमान में अभी दो गुने का अंतर है। मौसम का चक्र भी 20 दिन आगे चल रहा है।

इसे भी पढ़ें: दिल्ली में आर्ट‍िफ‍िशि‍यल बार‍िश के लिए आईआईटी कानपुर तैयार, प्रोजेक्‍ट डायरेक्‍टर ने दी ये अहम जानकारी