Allahabad HC: फिल्म व टीवी सीरियल समाज में फैला रहे गंदगी, पार्टनर बदलना सभ्य समाज के लिए ठीक नहीं
कोर्ट ने यह टिप्पणी लिव इन रिलेशन में रहने वाले दुष्कर्म के आरोपित को सशर्त जमानत मंजूर करते हुए की। नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपित याची अदनान का कहना था कि एक वर्ष तक लिव-इन रिलेशनशिप से गर्भवती होने के बाद पीडि़ता ने दुष्कर्म का आरोप लगाया है। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने कहा कि ऊपरी तौर पर लिव इन का रिश्ता बहुत आकर्षक लगता है और युवाओं को लुभाता है लेकिन...
By Jagran NewsEdited By: Narender SanwariyaUpdated: Sat, 02 Sep 2023 05:00 AM (IST)
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने लिव इन रिलेशनशिप में रहने व दुष्कर्म के आरोप लगाने की घटनाओं पर कहा है कि फिल्म और टीवी सीरियल समाज में गंदगी फैला रहे हैं। हर सीजन में पार्टनर बदलना स्थिर व सभ्य समाज के लिए ठीक नहीं है। कोर्ट ने यह टिप्पणी लिव इन रिलेशन में रहने वाले दुष्कर्म के आरोपित को सशर्त जमानत मंजूर करते हुए की।
नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपित याची अदनान का कहना था कि एक वर्ष तक लिव-इन रिलेशनशिप से गर्भवती होने के बाद पीडि़ता ने दुष्कर्म का आरोप लगाया है। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने कहा कि ऊपरी तौर पर लिव इन का रिश्ता बहुत आकर्षक लगता है और युवाओं को लुभाता है, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता है मध्यमवर्गीय सामाजिक नैतिकता/मानदंड उनके चेहरे पर नजर आने लगते हैं।
ऐसे जोड़ों को धीरे-धीरे एहसास होता है कि उनके रिश्ते को कोई सामाजिक स्वीकृति नहीं है। पीठ ने कहा कि विवाह किसी व्यक्ति को जो सुरक्षा, सामाजिक स्वीकृति, प्रगति और स्थिरता प्रदान करती है। वह लिव-इन रिलेशनशिप द्वारा कभी प्रदान नहीं की जा सकती। लिव-इन रिलेशनशिप से बाहर निकलने वाले व्यक्तियों, विशेषकर महिलाओं के सामने कई चुनौतियां आती हैं। उन्हें अकसर सामाजिक स्वीकृति हासिल करना मुश्किल होता है।
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