अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा रोकने को दायर याचिका को HC ने किया खारिज, कहा- कार्यक्रम समाप्त हो चुका है, अर्थहीन है आवेदन
Allahabad High Court भारत सरकार की तरफ से एएसजीआइ शशि प्रकाश सिंह महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्रअपर महाधिवक्ता मनीष गोयल मुख्य स्थायी अधिवक्ता कुणाल रवि सिंह सहित केंद्र व प्रदेश सरकार की तरफ से कई अधिवक्ता मौजूद थे। उन्होंने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम (Pran Pratishtha Program) संपन्न हो चुका है। याचिका का वाद कारण मौजूद नहीं है। याचिका अर्थहीन हो चुकी है। इस पर कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।
विधि संवाददाता, प्रयागराज। Ram Mandir Inauguration: इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने लोकसभा चुनाव 2024 संपन्न होने तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanth) के हाथों अयोध्या में श्रीराम मंदिर (Shri Ram Mandir) में 22 जनवरी 2024 को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम (Pran Pratishtha Program) पर रोक लगाने की मांग में दाखिल जनहित याचिका अर्थहीन करार देते हुए खारिज कर दी है।
याची का कहना था कि इस कार्यक्रम पर शंकराचार्य व सनातन धर्मगुरुओं की सहमति नहीं है। यह आदेश कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार गुप्ता तथा न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेन्द्र की खंडपीठ ने दिया है। जनहित याचिका गजियाबाद के भोला दास ने दायर की थी। याची के अधिवक्ता की गैर मौजूदगी में यह आदेश हुआ। रिवाइज काल पर वह हाजिर नहीं हुए।
अर्थहीन हो चुकी है याचिका- हाई कोर्ट
भारत सरकार की तरफ से एएसजीआइ शशि प्रकाश सिंह, महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्र,अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल, मुख्य स्थायी अधिवक्ता कुणाल रवि सिंह सहित केंद्र व प्रदेश सरकार की तरफ से कई अधिवक्ता मौजूद थे। उन्होंने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम (Pran Pratishtha Program) संपन्न हो चुका है। याचिका का वाद कारण मौजूद नहीं है। याचिका अर्थहीन हो चुकी है। इस पर कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।
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