Allahabad High Court : आनंद गिरि की अर्जी खारिज, नहीं हो सकी वीडियो कांफ्रेंस- अब अगली सुनवाई 16 अगस्त को
मुकदमे के दूसरे गवाह रविंद्र पुरी कोर्ट में गवाही दर्ज करने के लिए मौजूद रहे। विचाराधीन मुकदमे की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश अंजू कनौजिया की कोर्ट में हो रही है। मुकदमे की पैरवी करने के लिए के सीबीआइ के विशेष अधिवक्ता दीप नारायण के साथ सीबीआइ विवेचना टीम के सदस्य सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता भानु प्रताप सिंह व हरि नारायण कोर्ट रूम में उपस्थित रहे।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरि आत्महत्या मामले में गुरुवार को जिला न्यायालय सुनवाई हुई। आरोपित आनंद गिरि के अधिवक्ताओं की ओर से सीबीआइ द्वारा एकत्रित साक्ष्य आडियो और वीडियो टेप की कॉपी लेने के लिए दी गई अर्जी को लेकर उभयपक्ष के वकीलों ने अपने-अपने तर्क कोर्ट के समक्ष पेश किए।
तकनीकी कारणों की वजह से नहीं हो सकी वीडियो कांफ्रेंस
सीबीआइ की ओर से विवेचना करने वाली टीम के सदस्य और विशेष अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के यहां से सत्र न्यायालय में सुपुर्दगी के समय बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं को कॉपी दे दी गई थी। जानबूझकर मुकदमा को लंबित करने के लिए अर्जी दी गई है। जबकि बचाव पक्ष की अधिवक्ताओं को कहना था जब तक उन्हें कॉपी नहीं मिल जाती, वह गवाह से जिरह नही करेंगे।
अब 16 अगस्त को होगी सुनवाई
दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने के बाद कोर्ट ने आनंद गिरि की ओर से पेश की गई अर्जी को खारिज कर दिया। साथ ही कोर्ट ने आदेश दिया कि चित्रकूट में जेल में निरुद्ध आनंद गिरि को जरिए वीडियो कांफ्रेंसिंग कोर्ट रूम से जोड़ा जाए ताकि दूसरे गवाह रवींद्र पुरी की गवाही दर्ज की जा सके। तकनीकी कारणों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आरोपित आनंद गिरि नहीं जुड़ सके। न्यायालय ने 16 अगस्त की तिथि अगली सुनवाई के लिए नियत किया।