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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वकीलों की हड़ताल को ठहराया अवैध, शोक सभा के लिए तय किया समय

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रदेश में वकीलों की हड़ताल को आपराधिक अवमानना माना है। कोर्ट ने कहा है कि कोई भी वकील या बार एसोसिएशन हड़ताल करता है या न्यायिक कार्य से विरत रहता है तो उसके खिलाफ स्वत आपराधिक अवमानना कार्यवाही की जाएगी। बार कौंसिल ऑफ इंडिया और यूपी बार कौंसिल ने प्रस्ताव दिया है कि अधिवक्ता साथी के निधन पर दिन में 3.30 बजे शोक सभा की जाए।

By Jagran News Edited By: Abhishek Pandey Updated: Sun, 25 Aug 2024 09:56 AM (IST)
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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वकीलों की हड़ताल को ठहराया अवैध
विधि संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रदेश में वकीलों की हड़ताल को आपराधिक अवमानना करार दिया है। कहा है कि कोई भी वकील या बार एसोसिएशन हड़ताल करता है अथवा प्रस्ताव करता है या न्यायिक कार्य से विरत रहता है तो जिला जज की रिपोर्ट पर उसके खिलाफ स्वत: आपराधिक अवमानना कार्यवाही की जाएगी।

कोर्ट ने सभी जिला जजों को वकीलों की हड़ताल अथवा न्यायिक कार्य बहिष्कार की रिपोर्ट भेजने का आदेश दिया है ताकि अवमानना कार्यवाही हो सके। बार कौंसिल आफ इंडिया व उप्र बार कौंसिल ने प्रस्ताव किया है कि अधिवक्ता साथी के निधन पर दिन में 3.30 बजे शोक सभा की जाए ताकि न्यायिक कार्य प्रभावित न हो।

कोर्ट ने कहा, इस प्रस्ताव के उल्लघंन पर आपराधिक अवमानना कार्यवाही होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र तथा न्यायमूर्ति डा. गौतम चौधरी की खंडपीठ ने जिला जज प्रयागराज की रिपोर्ट पर शुरू आपराधिक अवमानना केस की सुनवाई करते हुए दिया है।

बार कौंसिल आफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्र व उत्तर प्रदेश बार कौंसिल के वरिष्ठ अधिवक्ता आरके ओझा ने कहा कि वकीलों की शिकायतों की सुनवाई नहीं होती। ऐसे में उनके पास हड़ताल का ही विकल्प बचता है। अधिकांश समस्या प्रशासन की पहल पर खत्म हो सकती है। इस पर कोर्ट ने जिलाधिकारी या नामित अपर जिलाधिकारी को समिति में शामिल करने का निर्देश दिया।

महानिबंधक ने बताया कि तीन मई 2023 को हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश व जिला अदालतों में जिला जज /सीनियर अपर जिला जज की अध्यक्षता में शिकायत निवारण समिति गठित की गई है। हाई कोर्ट की समिति में मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति राजन राय, न्यायमूर्ति फैज आलम खां, महाधिवक्ता, उप्र बार कौंसिल अध्यक्ष व हाईकोर्ट बार एसोसिएशन इलाहाबाद के अध्यक्ष हैं।

जिला अदालतों की समिति में जिला जज, सीनियर अपर जिला जज, सीजेएम, डीजीसी सिविल व क्रिमिनल तथा बार एसोसिएशन अध्यक्ष होंगे।

महानिबंधक से मांगी अनुपालन रिपोर्ट

महानिबंधक को कोर्ट ने आदेश जिला जजों को भिजवाने के लिए कहा जो नोटिस बोर्ड पर लगाया जाएगा ताकि शोक सभा दोपहर 3.30 बजे से करने संबंधी प्रस्ताव का कड़ाई से पालन हो। महानिबंधक से सभी जिलों में आदेश के अनुपालन की रिपोर्ट मांगी गई है। अगली सुनवाई 25 सितंबर को होगी। इससे पहले कोर्ट ने जिला अदालत प्रयागराज में जुलाई 2023 से अप्रैल 2024 के बीच अदालत में न्यायिक कामकाज की रिपोर्ट मांगी थी।

इस अवधि में 218 कार्य दिवस में 127 दिन हड़ताल रही। कुल 41.74 प्रतिशत दिन काम हुआ और 58.26 प्रतिशत दिन हड़ताल रही। खंडपीठ ने कहा, पूर्व कैप्टन हरीश उप्पल केस में सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों की हड़ताल को अवैध करार दिया है। कहा है कि उनको ऐसा अधिकार नहीं है।

वकालत नोबल प्रोफेशन कोर्ट ने कहा, वकालत नोबल प्रोफेशन है। यह कोर्ट के जरिए नागरिकों के अधिकार संरक्षित करता है। देश की आजादी में वकीलों का बड़ा योगदान है। वकील, आम आदमी के हित के ऊपर अपना हित न रखें। जब तक न्याय प्रशासन ठीक से काम नहीं करेगा,कानून का शासन सुनिश्चित नहीं किया जा सकेगा।

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