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पत्नी ने क‍िया सुसाइड... इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा- पत‍ि की मर्दानगी की करो जांच; जानें क्‍यों द‍िया ऐसा आदेश?

याची के खिलाफ हापुड़ में एफआईआर दर्ज है। याची का कहना था कि उसकी पत्नी को बच्चे नहीं हो रहे थे। इस वजह से अवसादग्रस्त पत्नी ने खुदकुशी की है। कोर्ट ने याची के पौरुष शक्ति का परीक्षण कराने का आदेश देते हुए कहा कि बच्चे न होने के लिए हमेशा महिलाओं को दोषी नहीं माना जा सकता पुरुषों में भी पौरुष शक्ति की कमी हो सकती है।

By Jagran News Edited By: Vinay Saxena Updated: Mon, 28 Oct 2024 03:56 PM (IST)
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बच्चे न होने से पत्नी की खुदकुशी मामले में हाई कोर्ट में हुई सुनवाई।- सांकेत‍िक तस्‍वीर
विधि संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दहेज उत्पीड़न और खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोपी पति के पौरुष शक्ति का परीक्षण करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने जांच रिपोर्ट 12 नवंबर को पेश करने को कहा है। यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने हापुड़ के एक याची की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिया है।

याची के खिलाफ हापुड़ जिले के गढ़मुक्तेश्वर थाने में एफआईआर दर्ज है। याची का कहना था कि उसकी पत्नी को बच्चे नहीं हो रहे थे। इस वजह से अवसादग्रस्त पत्नी ने खुदकुशी की है। कोर्ट ने याची के पौरुष शक्ति का परीक्षण कराने का आदेश देते हुए कहा कि बच्चे न होने के लिए हमेशा महिलाओं को दोषी नहीं माना जा सकता, पुरुषों में भी पौरुष शक्ति की कमी हो सकती है।

किसानों की बेदखली व जमीन में बदलाव पर रोक

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रयागराज एयरपोर्ट-कौशांबी सड़क चौड़ीकरण के लिए प्रस्तावित भूमि अधिग्रहण मामले राज्य सरकार से एक सप्ताह में जानकारी मांगी है। याचिका की अगली सुनवाई पांच नवंबर को होगी। कोर्ट ने 19 सितंबर 2024 के प्रस्तावित भूमि अधिग्रहण आदेश के तहत याची किसानों को उसकी कृषि भूमि से बेदखल करने तथा जमीन में बदलाव करने पर रोक लगा दी है।

यह आदेश न्यायमूर्ति एसडी सिंह तथा न्यायमूर्ति डोनादी रमेश की खंडपीठ ने गुलजारी लाल व एक अन्य की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता अभिषेक मिश्र व शिवम पांडेय ने बहस की। इनका कहना है कि प्रस्तावित सड़क चौड़ीकरण के लिए उन्हें नोटिस दी गई है। इसमें दो नवंबर 2024 की तारीख लगी है, लेकिन उससे पहले ही उनकी जमीन कब्जे में लेकर कार्य शुरू किया गया है। जमीन में बदलाव किया जा रहा है, जबकि अभी तक अधिग्रहण नहीं हुआ है।

दुष्कर्म व वीडियो बनाने के आरोपित की सशर्त जमानत मंजूर

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने घर में घुसकर मारपीट व दुष्कर्म करने का वीडियो बनाने के आरोपित महेंद्र निर्मल की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है। महेंद्र के खिलाफ प्रयागराज के नवाबगंज थाने में एफआइआर दर्ज है। यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने याची अधिवक्ता दिलीप कुमार पांडेय को सुनकर दिया है।

याची का कहना था कि दोनों का 2016 से प्रेम संबंध है। घटना की एफआइआर दो दिन देरी से दर्ज की गई है। पीड़िता बालिग है, कोई वीडियो प्रसारित नहीं है। उसे झूठा फंसाया गया है। वहीं, पीड़िता का कहना था कि घर में घुसकर उसके साथ जबरदस्ती की गई, कपड़े फाड़ दिए, मारपीट करने के साथ सीने पर चढ़कर वीडियो बनाया गया। शोर मचाने पर लोगों के आने से उसकी जान बची। कोर्ट ने आरोपित की सशर्त जमानत मंजूर कर ली।

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