Hindi Diwas: इलाहाबाद HC में बढ़ रहा हिंदी का मान-सम्मान, 5 साल में 20 हजार से अधिक निर्णय देने का कीर्तिमान
Hindi Diwas 2023 न्यायमूर्ति डा. गौतम चौधरी ने पांच वर्ष के अल्प कार्यकाल में 10 हजार से अधिक फैसले हिंदी में देकर इतिहास रचा है। वहीं न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव सहित तमाम न्यायमूर्ति हजारों फैसले हिंदी में दे चुके हैं। हाई कोर्ट बार के पूर्व अध्यक्ष राधाकांत ओझा अमरेंद्रनाथ सिंह वरिष्ठ अधिवक्ता वशिष्ठ तिवारी हिंदी में बहस करने के साथ दूसरों को प्रेरित करते हैं।
By Jagran NewsEdited By: Vinay SaxenaUpdated: Wed, 13 Sep 2023 05:59 PM (IST)
प्रयागराज, शरद द्विवेदी। Hindi Diwas 2023 न्यायिक क्षेत्र में यह राजभाषा (हिंदी) का सम्मान है। इलाहाबाद हाई कोर्ट में हिंदी में बहस और फैसला देने का चलन निरंतर बढ़ रहा है। इससे हाई कोर्ट की अलग पहचान बन रही है। कुछ महत्वपूर्ण फैसलों का हिंदी में दिया जाना लोगों को उत्साहित करने वाला है। न्यायमूर्ति डा. गौतम चौधरी ने पांच वर्ष के अल्प कार्यकाल में 10 हजार से अधिक फैसले हिंदी में देकर इतिहास रचा है।
वहीं, न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी, न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव सहित तमाम न्यायमूर्ति हजारों फैसले हिंदी में दे चुके हैं। हाई कोर्ट बार के पूर्व अध्यक्ष राधाकांत ओझा, अमरेंद्रनाथ सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता वशिष्ठ तिवारी हिंदी में बहस करने के साथ दूसरों को प्रेरित करते हैं। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पांच वर्ष से कम समय में 20 हजार से अधिक हिंदी में निर्णय देने का कीर्तिमान बनाया है।
क्षेत्रीय भाषाओं में न्याय देने की मांग लंबे समय से उठ रही है। उस दिशा में सार्थक पहल हो रही है। प्रदेशवासियों को 17 मार्च 1866 से न्याय दिला रहे ऐतिहासिक इलाहाबाद उच्च न्यायालय में हिंदी का प्रयोग निरंतर बढ़ रहा है। इसमें न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी, न्यायमूर्ति डा. गौतम चौधरी व न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।
न्यायमूर्ति डा. गौतम व न्यायमूर्ति शेखर 12 दिसंबर 2019 को इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश नियुक्त हुए हैं। न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी का हिंदी से अगाध प्रेम है, वह लगातार हिंदी में निर्णय दे रहे हैं। उन्होंने 'पति पर पत्नी-संतानों के भरण-पोषण का वैधानिक व सामाजिक दायित्व, फर्जी बीएड डिग्री वाले अध्यापकों की बर्खास्तगी को सही करार देने सहित सैकड़ों निर्णय हिंदी में दिए हैं।
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