UP News: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पूछा-प्रयागराज में एम्स की स्थापना जरूरी क्यों नहीं, मुख्य सचिव बताएं
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रयागराज में एम्स की स्थापना की आवश्यकता पर सवाल उठाया है और मुख्य सचिव से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने कहा है कि चिकित्सा सुविधाओं पर जनसंख्या बढ़ने से भारी दबाव है और प्रयागराज में एम्स जैसी संस्था की स्थापना जरूरी है। जनहित याचिका को सुनवाई के लिए 17 अक्टूबर को पेश करने का आदेश दिया गया।
विधि संवाददाता, जागरण प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव से पूछा है कि प्रयागराज में एम्स की स्थापना जरूरी क्यों नहीं है? अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता एके गोयल ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि आदेश की जानकारी मुख्य सचिव को दी जाएगी।
कोर्ट ने पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार के अपर सालिसिटर जनरल वरिष्ठ अधिवक्ता शशि प्रकाश सिंह से प्रयागराज में एम्स की स्थापना के संबंध में जमीनी हकीकत की जानकारी मांगी थी। उन्होंने जमीनी हकीकत और केंद्र सरकार के रुख को लेकर हलफनामा दाखिल करने के लिए समय मांगा।
इस पर जनहित याचिका को सुनवाई के लिए 17 अक्टूबर को पेश करने का आदेश दिया गया। यह आदेश न्यायमूर्ति एमके गुप्ता तथा न्यायमूर्ति मनीष कुमार निगम की खंडपीठ ने सहज सारथी फाउंडेशन व अन्य की जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।
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अधिवक्ता सत्येन्द्र चंद्र त्रिपाठी ने याचिका पर बहस करते हुए बताया कि पिछले 10 सालों में केवल पूर्वांचल में एक एम्स स्थापित किया गया है। आबादी में तेजी से वृद्धि हुई है। इसलिए प्रयागराज में एम्स जैसी संस्था की स्थापना जरूरी है। सड़क, रेल मार्ग से चारों दिशाओं में संपर्क मार्ग है, लेकिन यहां उच्च सुविधायुक्त कोई अस्पताल नहीं है।
अपर सालिसिटर जनरल ने भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की जानकारी का हवाला देते हुए बताया कि वित्त वर्ष 2014-15 के बजट में आंध्रप्रदेश, बंगाल, महाराष्ट्र व उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में चार एम्स स्थापित करने की घोषणा की गई।
वर्ष 2015-16 के बजट में सात नये एम्स स्थापित करने की घोषणा हुई। जम्मू-कश्मीर, पंजाब, तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश, असम व बिहार में एम्स स्थापित किए गए हैं। वर्ष 2017-18 में गुजरात व झारखंड में दो एम्स स्थापित किए गए। वर्ष 2019-20 के बजट में हरियाणा में नया एम्स स्थापित किया गया। वित्त वर्ष 2014-15 के बजट में गोरखपुर में एम्स स्थापित किया गया है।इसे भी पढ़ें-सरयू की बाढ़ में बहा राष्ट्रीय राजमार्ग-31, बलिया-छपरा का संपर्क टूटा
अपर सालिसिटर जनरल व भारत सरकार के अधिवक्ता संजय कुमार ओम ने बताया कि पूर्वांचल में एम्स की स्थापना के बाद उप्र में किसी नए एम्स की योजना केंद्र सरकार की नहीं है।कोर्ट ने कहा, चिकित्सा सुविधाओं पर जनसंख्या बढ़ने से भारी दबाव है। इसलिए केंद्र सरकार से प्रयागराज में एम्स की स्थापना को लेकर जमीनी हकीकत पर रिपोर्ट मांगी थी, किंतु लगता है कोई मूल्यांकन नहीं किया गया।
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