UP News: जुलूस में लेकर गए थे आयत लिखा तिरंगा, हाई कोर्ट ने केस रद्द करने से किया इनकार
जालौन नगर में 28 सितंबर 2023 को ईद-ए-मिलाद के मौके पर निकाले गए जुलूस में कुछ लोग आयत लिखा तिरंगा लेकर गए थे। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस मामले में दायर याचिक को रद्द करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा है ऐसी घटनाओं का लाभ सांप्रदायिक विवाद पैदा करने अथवा विभिन्न समुदायों के बीच गलतफहमियां बढ़ाने वाले तत्वों द्वारा उठाया जा सकता है।
विधि संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अरबी भाषा में आयत लिखा तिरंगा ध्वज लेकर चलने वाले मुस्लिम समाज के छह लोगों के विरुद्ध दर्ज आपराधिक मामले में कार्रवाई रद करने से इन्कार करते हुए याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा है, ऐसी घटनाओं का लाभ सांप्रदायिक विवाद पैदा करने अथवा विभिन्न समुदायों के बीच गलतफहमियां बढ़ाने वाले तत्वों द्वारा उठाया जा सकता है।
यह आदेश न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर ने गुलामुद्दीन व पांच अन्य की याचिका पर दिया है। कहा कि यह कृत्य प्रथम दृष्टया राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने जैसा है और राष्ट्रीय सम्मान अपमान निवारण अधिनियम की धारा 2 का उल्लंघन है, जो दंडनीय अपराध है। कोर्ट ने कहा, भारत का राष्ट्रीय ध्वज धार्मिक, जातीय और सांस्कृतिक मतभेदों से ऊपर उठकर राष्ट्र की एकता और विविधता का प्रतीक है।
भारत की सामूहिक पहचान और संप्रभुता का प्रतिनिधित्व करने वाला एकीकृत प्रतीक है। तिरंगे के प्रति अनादर का कृत्य दूरगामी सामाजिक-सांस्कृतिक प्रभाव डाल सकता है, खासकर भारत जैसे विविधतापूर्ण समाज में। यह पहचानना महत्वपूर्ण है कि कुछ व्यक्तियों के कार्यों का उपयोग पूरे समुदाय को कलंकित करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। पिछले साल याचियों के खिलाफ जालौन में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
याचियों की तरफ से दलील दी गई कि जांच से यह पता नहीं चला कि झंडा तिरंगा था या तीन रंगों वाला कोई और झंडा। पुलिस ने रिकार्ड पर ऐसा साक्ष्य नहीं पेश किया जिससे पता चले कि राष्ट्रीय ध्वज को कोई नुकसान पहुंचाया गया था। आरोप लगाया गया कि पूरा मामला गढ़े गए तथ्यों पर आधारित था और गवाहों के बयान पुलिस द्वारा दबाव में लिए गए थे। कोर्ट ने कहा, इन पर ट्रायल में ही विचारण किया जा सकता है।
यह था मामला
जालौन नगर में 28 सितंबर 2023 को ईद-ए-मिलाद के मौके पर निकाले गए जुलूस में कुछ लोगों ने राष्ट्रीय ध्वज के रंग वाले झंडे (इसमें अशोक चक्र नहीं बना था) में अरबी भाषा में कुरान की आयत लिखी थी, को लहराया था। ये अरबी शब्द सफेद पट्टी में लाल अक्षरों से लिखे थे। कुछ धार्मिक संगठनों ने इस पर आपत्ति कर पुलिस से शिकायत की थी। पुलिस ने उक्त झंडे को कब्जे में ले लिया था।आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।