इलाहाबाद हाई कोर्ट पहुंचा TGT 2013 भर्ती मामला, छह सप्ताह बाद होगी सुनवाई; पढ़ें क्या है पूरा केस
Allahabad High Court इलाहाबाद हाई कोर्ट में उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग की टीजीटी 2013 भर्ती को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई होगी। न्यायालय ने इस मामले को छह सप्ताह बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है। याचिका में विज्ञापित पदों को घटाने और 307 चयनित अभ्यर्थियों को अब तक विद्यालय आवंटित न किए जाने का मुद्दा उठाया गया है।
विधि संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट में उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग की टीजीटी 2013 भर्ती को लेकर याचिका दाखिल की गई है। न्यायालय ने इस याचिका को राजीव कुमार व 12 अन्य बनाम राज्य व 13 अन्य से कनेक्ट करते हुए छह सप्ताह बाद सुनवाई का आदेश दिया है। पक्षों को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की अदालत ने पंकज कुमार और चार अन्य की याचिका पर यह आदेश दिया है। अलीगढ़ निवासी याची पंकज कुमार ने बताया कि उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग की टीजीटी 2013 की 2015 में परीक्षा हुई। 2016 में साक्षात्कार हुआ और वर्ष 2017 में सभी विषयों के विज्ञापित पदों को घटाते हुए अंतिम परिणाम घोषित किया गया।
2018 में भी दाखिल की गई थी याचिका
विज्ञापित पदों को घटाने के विरोध में अभ्यर्थियों ने 2018 याचिका दाखिल की। अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसला आया। कोर्ट ने आदेश दिया था कि सभी विषयों के विज्ञापित पदों पर अंतिम चयन सूची जारी करें और विद्यालय आवंटित करें।न्यायालय के आदेश 28 नवंबर 2018 के अनुपालन में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड ने 1167 चयनित अभ्यर्थियों की अवशेष पैनल जारी किया। इनमें से 860 चयनितों को नियुक्ति प्रदान की गई। वहीं, 307 चयनित अभ्यर्थियों को आज तक विद्यालय आवंटित नहीं किया गया है। इसी को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।
प्रतियोगी छात्र आशुतोष की रिहाई, छात्रों ने जताई खुशी
पीसीएस और आरओ-एआरओ प्रारंभिक परीक्षा वन डे-वन शिफ्ट की मांग को लेकर चले आंदोलन का नेतृत्व का करने वाले प्रतियोगी छात्र आशुतोष पांडेय की रिहाई हो गई। छात्रों ने माला पहना कर उनका स्वागत किया। उन्होंने छात्रों की मांग माने जाने पर संतोष व्यक्त करते हुए सभी छात्रों को आगामी परीक्षा की तैयारी में जुटने का आह्वान किया।
प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पाण्डेय ने कहाकि यह रिहाई केवल आशुतोष की नही है, बल्कि लाखों युवाओं के आवाज की रिहाई है। सरकार के निर्णय पर संतोष जताते हुए कहाकि सरकार ने छात्रों के दर्द को समझा और उसका निराकरण का प्रयास किया।समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय ने कहा कि छात्र अपनी न्यायोचित मांग को लेकर जिस प्रकार गांधीवादी तरीके से आंदोलन किए, यह अपने आप में एक आदर्श है।
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