Allahabad University: पीसीबी छात्रावास में बम धमाका, एक की हथेली उड़ी; पुलिस कर रही जांच
Allahabad University Bomb Case इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पीसीबी छात्रावास में बुधवार शाम जोरदार धमाका हुआ। बम फटने से दो युवक घायल हो गए। ये दोनों हास्टल के पूर्व अंतेवासी हैं। इनमें एक युवक की हथेली उड़ गई। कर्नलगंज पुलिस ने दोनों युवकों को बेली अस्पताल में भर्ती कराया है। धमाका इवि के दो छात्रों के नाम पर आवंटित कमरे में हुआ।
By Jagran NewsEdited By: Abhishek PandeyUpdated: Thu, 14 Dec 2023 07:44 AM (IST)
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पीसीबी छात्रावास में बुधवार शाम जोरदार धमाका हुआ। बम फटने से दो युवक घायल हो गए। ये दोनों हास्टल के पूर्व अंतेवासी हैं। इनमें एक युवक की हथेली उड़ गई। कर्नलगंज पुलिस ने दोनों युवकों को बेली अस्पताल में भर्ती कराया है।
धमाका इवि के दो छात्रों के नाम पर आवंटित कमरे में हुआ। घटना के समय दोनों बाहर थे। दोनों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
बुधवार शाम करीब पांच बजे पीसीबी हास्टल के कमरा नंबर 68 में धमाका होने पर दूसरे कमरों से छात्र भागकर आए। वह कमरा बीए द्वितीय वर्ष के छात्र विशाल कुमार तथा बीएससी द्वितीय वर्ष के छात्र आयुष कुमार सिंह को आवंटित है। दोनों कमरे में नहीं थे। दो युवक (प्रभात और प्रत्यूष) घायल जमीन पर पड़े थे, चारों ओर खून बिखरा था। गाजीपुर के सैदपुर निवासी प्रभात यादव की हथेली उड़ गई थी। उसके चेहरे और सीने पर भी जख्म थे। आयुष के शरीर पर हल्के घाव थे।
बताया गया कि प्रभात और प्रत्यूष पहले इस छात्रावास के अंतेवासी थे। वह अब दोनों यहां नहीं रहते। कर्नलगंज पुलिस ने कमरे का निरीक्षण करने के बाद बीए द्वितीय वर्ष के छात्र विशाल कुमार से पूछताछ की। कर्नलगंज थाना प्रभारी बृजेश सिंह के अनुसार घटनाक्रम की जांच की जा रही है।शक है कि कमरे में देशी बम बांधा जा रहा था तभी विस्फोट हो गया। दोनों घायल युवकों के खिलाफ मुकदमा लिखा जा रहा है। इवि प्रशासन भी दोनों बाहरी युवकों के छात्रावास में पहुंचने की जांच कर रहा है।
कुछ दिन पहले हुई थी बमबाजी
पीसीबी हास्टल में बम धमाके से कुछ दिन पहले ही एसएसएल और जीएन झा छात्रावास के अंतेवासियों के बीच पथराव और बमबाजी हुई थी। पुलिस ने केस भी दर्ज किया था। तब भी छात्रावास में अवैध कब्जे की बात सामने आई है। छात्रावास खाली कराने को लेकर चीफ प्राक्टर ने पुलिस से मदद मांगी थी मगर पुलिस बल उपलब्ध नहीं कराया गया। पुलिस आयुक्त को छात्रावासों में अवैध रूप से रहने वाले 400 से अधिक अवैध अंतेवासियों की सूची सौंपी गई है।
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