इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के पीसीबी हॉस्टल में बुधवार शाम बम बांधते समय हुए विस्फोट के बाद पुलिस और इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने कड़े कदम उठाए हैं। हॉस्टल अधीक्षक सुजीत कुमार सिंह ने धमाके में घायल दोनों छात्रों प्रभात कुमार यादव तथा प्रत्यूष कुमार के खिलाफ कर्नलगंज थाने में विस्फोटक अधिनियम व धमाका कर दहशत फैलाने के आरोप में मुकदमा लिखाया है।
By ankur tripathiEdited By: Vinay SaxenaUpdated: Thu, 14 Dec 2023 10:51 PM (IST)
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। पीसीबी हॉस्टल के कमरे में बुधवार शाम बम बांधते समय हुए विस्फोट के बाद पुलिस और इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने कड़े कदम उठाए हैं। हॉस्टल अधीक्षक सुजीत कुमार सिंह ने धमाके में घायल दोनों छात्रों प्रभात कुमार यादव तथा प्रत्यूष कुमार के खिलाफ कर्नलगंज थाने में विस्फोटक अधिनियम व धमाका कर दहशत फैलाने के आरोप में मुकदमा लिखाया है।
प्रभात एसआरएन अस्पताल में भर्ती है, जबकि हल्का जख्मी प्रत्यूष मोबाइल बंदकर फरार है।
कर्नलगंज थाना प्रभारी बृजेश सिंह ने बताया कि इसी मुकदमे में कमरा नंबर 68 के आवंटी बीए के छात्र विशाल कुमार को आपराधिक साजिश के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उसने पूछताछ में स्वीकारा कि वह प्रभात और प्रत्यूष को अपने कमरे में ठहराता था। इस कमरे का दूसरा आवंटी आयुष करीब डेढ़ माह से हॉस्टल नहीं आया, इसलिए अभी उस पर कोई आरोप नहीं तय किया गया है।
गिरफ्तार छात्र विशाल को पुलिस ने गुरुवार को अदालत में पेश किया जहां से उसे नैनी जेल भेज दिया गया। पुलिस ने बताया कि इलाज के बाद प्रभात को भी गिरफ्तार किया जाएगा। फरार प्रत्यूष की तलाश हो रही है। इवि प्रशासन ने भी घटनाक्रम में सख्त कार्रवाई की है। चीफ प्राक्टर डॉ. राकेश कुमार सिंह ने बताया कि कमरा नंबर 68 के असल अंतेवासी जौनपुर के मड़ियाहूं निवासी छात्र विशाल कुमार तथा प्रतापगढ़ के मांधाता इलाके में मनेहू सराय भीमसेन गांव के आयुष प्रताप सिंह को इलाहाबाद विश्वविद्यालय से निलंबित तथा पीसीबी छात्रावास से निष्कासित कर दिया गया है।
हॉस्टल में इनके प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। नोटिस में इन्हें छात्रावास आवंटन शपथपत्र के विपरीत अपने कमरे में अवैध रूप से बाहरी छात्रों को ठहराने तथा अनुशासन संहिता का उल्लंघन करने का दोषी करार दिया गया है। इन दोनों को नोटिस मिलने के बाद 15 दिन के भीतर कुलानुशासक कार्यालय जाकर लिखित रूप से कारण बताना है कि उन्होंने ऐसा क्यों किया और इसके लिए क्यों न उन दोनों को विश्वविद्यालय से निष्कासित कर दिया जाए। इसके साथ ही, बम बांधते समय घायल गाजीपुर जनपद में सैदपुर के भटौला गांव के प्रभात यादव के पिता सुरेश सिंह यादव और प्रतापगढ़ सदर के गोंडे गांव निवासी प्रत्यूष सिंह के पिता कृष्ण कुमार सिंह को पत्र भेजकर पूरे घटनाक्रम की जानकारी देते हुए एक सप्ताह के भीतर कुलानुशासक कार्यालय में बुलाया गया है। पत्र में लिखा है कि प्रभात और प्रत्यूष हास्टल के कमरे में बम बांधते समय धमाके में घायल हुए। वे दोनों विश्वविद्यालय में अध्ययन के नाम पर अराजक गतिविधियों में संलिप्त रहते हैं। उनका कृत्य अपराध की श्रेणी में आता है।
हास्टलों में बांधे जा रहे बम, बाहर होंगे अवैध अंतेवासी
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। पीसीबी हास्टल में बुधवार शाम कमरे के भीतर बम बांधते समय हुए विस्फोट ने इवि प्रशासन के साथ ही पुलिस अधिकारियों को भी स्तब्ध किया है। यह जानकारी तो पुलिस को थी कि हास्टलों में अवैध रूप से टिके अपराधी तत्व बम और हथियार रखते हैं। अब हास्टलों में छापेमारी कर औचक चेकिंग तथा अवैध अंतेवासियों को बाहर निकालने की जरूरत समझी जा रही है।
पीसीबी हास्टल के कमरा नंबर 68 में बुधवार शाम जोरदार बम फटा और इवि के दो छात्र घायल हो गए। एमए के छात्र गाजीपुर निवासी प्रभात यादव की हथेली उड़ गई जबकि दूसरा छात्र प्रत्यूष हल्का जख्मी हो गया। प्रभात को एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसे अस्पताल ले जाने वाले छात्रों ने डाक्टरों से कहा था कि पटाखा फटा है जबकि कमरे की जांच में साफ हो गया कि वहां बम बांधा जा रहा था। कमरे की सफाई की गई थी हालांकि पुलिस की फोरेंसिक टीम को साक्ष्य के लिए बम के अवशेष मिले हैं।
गुरुवार को इलाहाबाद विश्वविद्यालय के चीफ प्राक्टर राकेश सिंह ने पुलिस अधिकारियों तथा हास्टलों के अधीक्षकों के साथ बैठक की। इसमें पुलिस ने कहा गया कि हास्टलों के कमरों में आपराधिक गतिविधियां हो रही हैं। कई घटनाओं में ऐसा साबित हो चुका है। पिछले दिनों एसएसएल और जीएन झा हास्टल के छात्रों के बीच पथराव और बमबाजी के बाद कमरों की तलाशी और अवैध अंतेवासियों को बाहर निकालने का काम पुलिस बल के अभाव में नहीं हो सका। जल्द पुलिस बल के साथ मिलकर हास्टलों से अवैध अंतेवासियों को बाहर निकाला जाएगा।
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हॉस्टलों में होगी सख्ती
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रात आठ बजे के बाद बाहरी छात्र या व्यक्ति को प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। विशेष परिस्थिति में बाहरी शख्स को बुलाने की सूचना अधीक्षक को देनी होगी।
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हॉस्टल में वहां के अंतेवासियों या बाहरी की चार पहिया गाड़ी नहीं खड़ी की जा सकेगी।
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हॉस्टलों के मुख्य द्वार पर उच्च गुणवत्ता वाला सीसीटीवी कैमरा लगाने पर जोर दिया गया।
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तीन वर्ष से ज्यादा समय से एक हास्टल में कार्यरत कार्यालय सहायकों को हटाया जाएगा।
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अपने कमरे में बाहरी लोगों को ठहराने वाले अंतेवासी पर निष्कासन की होगी कार्रवाई।
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हॉस्टल गेट पर रजिस्टर में बाहरी व्यक्ति का दर्ज होगा पूरा नाम-पता और फोन नंबर।
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