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Amitabh Bachchan : प्रयागराज की इन गलियों में समाई हैं अमिताभ के बचपन की यादें, नागर पेन शॉप से है खास नाता

Amitabh Bachchan Birthday हिंदी सिनेमा के महानायक अमिताभ बच्चन का प्रयागराज से खास नाता है। जानकार बताते हैं कि अमिताभ बच्चन का जन्म अब से 81 साल पहले 11 अक्टूबर 1942 को कटघर क्षेत्र में हुआ था। तब डा. हरिवंश राय बच्चन वहां किराये के घर में रहते थे। सबसे अधिक समय वे सिविल लाइंस में क्लाइव रोड पर रहे ।

By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Wed, 11 Oct 2023 12:35 PM (IST)
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प्रयागराज से है महानायक अमिताभ बच्चन का खास नाता

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। हिंदी सिनेमा के महानायक अमिताभ बच्चन की तमाम स्मृतियों से प्रयागराज काफी समृद्ध है। ब्वायज हाईस्कूल जहां उन्होंने प्राथमिक शिक्षा ली, क्लाइव रोड स्थित वह बंगला जिसमें उनके पिता डा. हरिवंश राय बच्चन कई वर्षों तक किराये पर रहे और सिविल लाइंस में नागर पेन शॉप।

महानायक अमिताभ बच्चन की जन्मतिथि 11 अक्टूबर को हमेशा यह स्मृतियां ताजा हो उठती हैं। साथ ही खुशी तैर जाती है नागर पेन शाप के संचालक गिरधर दास नागर के होठों पर। हालांकि सिविल लाइंस में पैलेस टॉकीज के पास लड्डन मियां का वह सैलून अब नहीं रहा, जहां अमिताभ बच्चन बाल कटवाना पसंद करते थे।

किराये के घर में हुआ था महानायक का जन्म

जानकार बताते हैं कि अमिताभ बच्चन का जन्म अब से 81 साल पहले 11 अक्टूबर 1942 को कटघर क्षेत्र में हुआ था। तब डा. हरिवंश राय बच्चन वहां किराये के घर में रहते थे। सबसे अधिक समय वे सिविल लाइंस में क्लाइव रोड पर रहे जहां एक बंगले में डा. हरिवंश राय बच्चन ने किराये पर घर लिया था और वहीं से इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अध्यापन के लिए आते-जाते थे।

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पिता हरिवंश राय के साथ आते थे अमिताभ

अपने पिता स्व. मुकुंद दास नागर से मिली जानकारियों के आधार पर गिरधर नागर बताते हैं कि डा. हरिवंश राय बच्चन के साथ अमिताभ ऑस्टिन कार से उनकी दुकान पर आते थे। कभी-कभी यूनिवर्सल बुक डिपो भी जाते थे। उन्हें पेंसिल के अलावा डायरी ज्यादा पसंद आती थी। डायरी वे अक्सर खरीदते थे। बताया कि टॉकीज के पास ही लड्डन मियां का सैलून था उसमें ही अमिताभ बाल कटवाते थे। हालांकि वह सैलून अब नहीं है।

2018 में किया था जिक्र

गिरधर दास नागर बताते हैं कि अमिताभ ने उनकी दुकान का जिक्र 11 अक्टूबर 2018 को केबीसी के प्रसारण के दौरान किया था। बताया कि भतीजे राकेश नागर एक बार मुंबई गए थे। अमिताभ बच्चन से मिलने की उनकी इच्छा थी। एक पर्ची पर अपना नाम और पता ‘इलाहाबाद’ लिखकर दरबान से भेजा तो अमिताभ से उन्हें तुरंत बुला लिया। गिरधर नागर कहते हैं कि उनकी दुकान का एक ही वाक्य में अमिताभ बच्चन ने जो प्रचार कर दिया वह करोड़ों रुपये खर्च करके भी नहीं मिलता।

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