Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

एपीओ भर्ती 2022 मामला: खाली 30 पदों को चयन सूची की मेरिट से भरने पर सरकार को निर्णय लेने का निर्देश

कोर्ट ने कहा प्रतीक्षा सूची नहीं बनी। नियमावली में इसको प्रतिबंधित किया गया है। एपीओ पद पर चयनित लोग सिविल जज जूनियर डिवीजन भर्ती में चयनित होने के कारण इस पद पर ज्वाइन नहीं किया। इसके कारण विज्ञापित 69 पद में से 30 पद खाली रह गये। चयन सूची में मेरिट में कम रहे याचियों ने खाली पदों पर नियुक्ति की मांग की है।

By Sharad Dwivedi Edited By: Vivek Shukla Updated: Wed, 29 May 2024 11:28 AM (IST)
Hero Image
विकास सिंह व 21अन्य की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।

विधि संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को एपीओ भर्ती 2022 में खाली पदों को चयन सूची की मेरिट के अनुसार भरने पर विचार करके छह हफ्ते में निर्णय लेने का निर्देश दिया है। कहा कि नकारात्मक आदेश की दशा में याचियों को सूचित किया जाय।

कोर्ट ने याचियों को एक हफ्ते में राज्य सरकार को प्रत्यावेदन देने तथा लोकसेवा आयोग से रिक्त पदों की स्थिति की रिपोर्ट लेकर सकारण निर्णय लेने का निर्देश दिया है। कहा कि याचियों ही नहीं चयन सूची के सभी अभ्यर्थियों की मेरिट के अनुसार नियुक्ति पर विचार किया जाए। यह आदेश न्यायमूर्ति एसडी सिंह तथा न्यायमूर्ति डोनादी रमेश की खंडपीठ ने विकास सिंह व 21अन्य की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।

इसे भी पढ़ें-आगरा का पारा 48 पार, कानपुर-वाराणसी में सूरज जमकर बरसा रहे आग

कोर्ट ने कहा प्रतीक्षा सूची नहीं बनी। नियमावली में इसको प्रतिबंधित किया गया है। एपीओ पद पर चयनित लोग सिविल जज जूनियर डिवीजन भर्ती में चयनित होने के कारण इस पद पर ज्वाइन नहीं किया। इसके कारण विज्ञापित 69 पद में से 30 पद खाली रह गये। चयन सूची में मेरिट में कम रहे याचियों ने खाली पदों पर नियुक्ति की मांग की है।

याचियों का कहना था कि 2015 की भर्ती में भी प्रतीक्षा सूची नहीं बनी थी, लेकिन पद खाली रहने पर नीचे की मेरिट के अभ्यर्थियों का चयन किया गया था। 2022 की भर्ती में ऐसा करने से इन्कार करना याचियों के चयनित होने के विधिक अधिकार का उल्लघंन है।

इसे भी पढ़ें-अखिलेश यादव-राहुल गांधी की रैली में भीड़ हुई अराजक, कुर्सियां तोड़ी ‘खटाखट-खटाखट’

इसी बीच उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा न्यायिक सेवा परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया गया जिसके बाद यूपी एपीओ के 24 अभ्यर्थियों का चयन न्यायिक सेवा के लिए हो गया जिसके बाद कुल 24 पद रिक्त हो गए बाद में ये बढ़कर 30 पद हो गए।

याचिका दाखिल कर रिक्त पदों को भरने की मांग की जिसमें हाई कोर्ट ने सरकार को निर्देशित किया कि रिक्त पदों को भरा जाए । कोर्ट ने कहा खाली पद भरे जाय ताकि राज्य में अभियोजन अधिकारियों की भारी कमी के कारण न्याय व्यवस्था में व्यवधान उत्पन्न न हो।

प्रदेश में 580 एपीओ में से 178 पद खाली है। लोक व प्रशासनिक हित में नीति एक समान होनी चाहिए। 2015 व 2022 की स्थिति की समानता पर भी विचार हो। सरकार खाली पद भरने का निर्णय लें।

आपके शहर की तथ्यपूर्ण खबरें अब आपके मोबाइल पर