शनि को तारे के रूप में देखने का मिलेगा मौका, 27 अगस्त को पृथ्वी के सबसे करीब रहेगा ये ग्रह; ब्लू मून 31 को
अगस्त माह में कई खगोलीय घटनाएं हो रही हैं। इस दौरान आसमान में चमकीले तारों को देखने का अवसर लोगों को मिलेगा। 27 अगस्त को शनि ग्रह पृथ्वी के सबसे करीब रहेगा। ऐसी घटना साल में एक बार होती है। इससे पहले 14 अगस्त 2022 को शनि पृथ्वी के इतने करीब आया था। 27 को जब सूर्य अस्त होगा तभी पूर्व दिशा में शनि उदय होगा।
By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandUpdated: Sat, 19 Aug 2023 12:18 PM (IST)
प्रयागराज, अमलेंदु त्रिपाठी। इस महीने कई खगोलीय घटनाएं हो रही हैं। 27 अगस्त को शनि को तारे के रूप में देखने का अवसर मिलेगा। यह पृथ्वी के सबसे करीब होगा। जब सूर्य अस्त होगा तभी पूर्व दिशा में शनि उदय होगा। यह घटना वर्ष में एक बार होती है। इसके अतिरिक्त इस महीने शौरी और भुजंगधारी तारों को देख सकेंगे।
करीब एक सप्ताह तक शनि पृथ्वी के करीब अर्थात 8.8 एस्ट्रोनानिकल यूनिट (एयू) या एक अरब 31 करोड़ 64 लाख 61 हजार 262 किलोमीटर की दूरी पर पूरी रात दिखेगा। आम तौर पर यह दूरी 11 एयू अर्थात एक अरब 64 करोड़ 55 लाख 76 हजार 577 किलोमीटर होती है। 378 दिन बाद यह घटना फिर आठ सितंबर 2024 को होगी। इससे पहले 14 अगस्त 2022 को शनि को इतने करीब देखा गया था।
अगस्त माह के तारों का मानचित्र। सौ. जवाहर तारा मंडल
जवाहर तारामंडल के निदेशक डा. वाई रविकिरण के अनुसार शनि सौर मंडल का छठवां ग्रह है। इसमें कई पतले वलय हैं जो बर्फ के छोटे टुकड़ों से बने हैं। इसके चारों तरफ 83 चंद्रमा चक्कर काट रहे हैं। 63 चंद्रमा के नाम तय हो चुके हैं लेकिन अभी 20 की पुष्टि बाकी है। शनि के सभी चंद्रमाओं में से सिर्फ 13 चंद्रमा की परिधि 50 किलोमीटर से अधिक है। खगोलीय घटनाओं में आकर्षण का केंद्र शौरी और भुजंगधारी तारे भी होंगे। मध्य आकाश में सात तारों का समूह शौरी व इतने ही तारों के साथ पश्चिम दिशा में भुजंगधारी तारों को देख सकेंगे। शौरी त्रिभुज की तरह नजर आएगा जबकि भुजंगधारी तारा समूह फन वाले सर्प की तरह दिखाई देगा।
पश्चिम में देखें उत्तर मुकट तारा
इन दिनों कई चमकदार तारों के समूह आसमान में दिख रहे हैं। इनमें उत्तर मुकट प्रमुख है। इसे पश्चिम दिशा में देख सकते हैं। यह समूह आठ चमकीले तारों से बने मुकुट के आकार में देखा जा सकेगा। इसके अतिरिक्त दिखाई देने वाले तारों में हस्त छह तारों का समूह है, यह त्रिभुज की आकृति बना रहा है। नरतुरंग लंबा सर्प की तरह दक्षिण दिशा में आठ तारों से मिलकर बना है। इसी क्रम में हंस मंडल उत्तर की ओर 10 तारों के साथ हंस की आकृति में दिखाई दे रहा है। महाश्व उत्तर पूर्व में 10 से अधिक चमकीले तारों के समूह के रूप में इन दिनों है। यह घोड़े की आकृति बनाने के कारण आसानी से पहचाना जा सकता है। सभी तारों को खुली आंख से किसी भी खुले स्थान से देख सकते हैं।
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