Banke Bihari Corridor: 'बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर के लिए मंदिरों का तोड़ा जाना अस्वीकार्य', आज फिर होगी सुनवाई
Banke Bihari Corridor मथुरा वृंदावन स्थित बांकेबिहारी मंदिर में दर्शनार्थियों की सुविधा व सुरक्षा के लिए प्रस्तावित कॉरिडोर (गलियारा) निर्माण मामले की सुनवाई जारी है। मंगलवार को सेवायतों की तरफ से कहा गया कि कारिडोर के लिए मंदिरों का तोड़ा जाना अस्वीकार्य है। सुनवाई पूरी नहीं हो सकी। बुधवार पहली नवंबर को सुबह नौ बजे से सुनवाई होगी।
विधि संवाददाता, प्रयागराज। मथुरा, वृंदावन स्थित बांकेबिहारी मंदिर में दर्शनार्थियों की सुविधा व सुरक्षा के लिए प्रस्तावित कारिडोर (गलियारा) निर्माण मामले की सुनवाई जारी है। मंगलवार को सेवायतों की तरफ से कहा गया कि कॉरिडोर के लिए मंदिरों का तोड़ा जाना अस्वीकार्य है। सुनवाई पूरी नहीं हो सकी। बुधवार, पहली नवंबर को सुबह नौ बजे से सुनवाई होगी।
अनंत कुमार शर्मा व अन्य की याचिकाओं की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर तथा न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ कर रही है। सेवायतों की तरफ से याचिका की पोषणीयता पर यह कहते हुए आपत्ति की गई कि याचिका मिलीभगत से निजी हित लाभ के लिए दाखिल की गई है। यह भी कहा गया है कि याची स्वच्छ हृदय से अदालत में नहीं आया है।
मंदिरों के ध्वस्तीकरण का किया विरोध
कॉरिडोर योजना में मंदिरों के ध्वस्तीकरण का भी विरोध किया गया। जनहित याचिका की ग्राह्यता को लेकर सुप्रीम कोर्ट की नजीरें पेश की गईं। सेवायतों की तरफ से यह कहते हुए भी आपत्ति की गई है कि प्लेसेस आफ वर्शिप एक्ट की धारा तीन किसी भी पूजा स्थल की स्थिति में बदलाव पर रोक लगाती है। इसका उल्लघंन दंडनीय अपराध है।
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