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Banke Bihari Mandir: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बांकेबिहारी मंदिर के आसपास ध्वस्तीकरण पर सरकार से मांगा जवाब

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वृंदावन के बांकेबिहारी मंदिर के आसपास बिना नोटिस दिए ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। मामले में अगली सुनवाई चार दिसंबर को होगी। बांकेबिहारी मंदिर में पर्वों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के प्रबंधन को लेकर जनहित याचिका दाखिल की गई थी। बता दें कि राज्य सरकार गलियारा बनाने की योजना पर अमल कर रही है।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Fri, 22 Nov 2024 01:15 AM (IST)
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मामले में अगली सुनवाई चार दिसंबर को होगी।
विधि संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वृंदावन के बांकेबिहारी मंदिर के आसपास बिना नोटिस दिए ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा तथा न्यायमूर्ति सैयद कमर हसन रिजवी की खंडपीठ ने अनंत शर्मा व अन्य की जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। मामले में अगली सुनवाई चार दिसंबर को होगी। 

बांकेबिहारी मंदिर में पर्वों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के प्रबंधन को लेकर जनहित याचिका दाखिल की गई थी। कोर्ट की तरफ से पूर्व में गलियारा (कॉरिडोर) बनाए जाने के लिए स्वीकृति दे दी गई थी। 

राज्य सरकार गलियारा बनाने की योजना पर अमल कर रही है। इसके तहत मंदिर के आसपास अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जा रही है। सेवायतों के अधिवक्ता संजय गोस्वामी ने सुनवाई के दौरान याचिका की पोषणीयता पर आपत्ति की। 

कोर्ट के चार अक्टूबर 2024 के आदेश से प्रशासन ने मंदिर के आसपास 81 अवैध अतिक्रमण वाले स्थान चिह्नित किए थे। कोर्ट ने इन्हें हटा कर हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा था। 

मुख्य सेवाधिकारी अशोक गोस्वामी के वकील शशि शेखर मिश्र ने बताया कि लोगों को बिना नोटिस दिए व बिना उनका पक्ष सुने प्रशासन मकानों को तोड़ रहा है। इस संबंध में उन्होंने कुछ समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचारों की कटिंग भी दाखिल की। इस पर कोर्ट ने अपर  मुख्य स्थायी अधिवक्ता से जानकारी मांगी है।

श्रीकृष्ण के बिना किसी कला की कल्पना असंभव: डॉ. बुद्धि रश्मि

भारतीय विरासत संस्थान के कुलपति एवं राष्ट्रीय संग्रहालय के महानिदेशक प्रो. डा. बुद्धिरश्मि मणि ने कहा सभी कलाओं के मूल स्रोत भगवान श्रीकृष्ण हैं। उनके बिना किसी भी कला की कल्पना करना असंभव है। 

वृंदावन शोध संस्थान के 57 वें स्थापना दिवस समारोह के उद्घाटन समारोह में गुरुवार को अध्यक्षता करते हुए संत गोविंदानंद तीर्थ ने कहा धर्म शास्त्रों के अनुसार श्रीकृष्ण 64 कलाओं में निपुण थे। चाहे वो गीत-संगीत से जुड़ी हों या नृत्य से। 

जीएलए विवि के प्रति कुलपति अनूप कुमार गुप्ता ने कहा, वृंदावन शोध संस्थान द्वारा ब्रज संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए जो प्रयास किए जा रहे हैं वह सराहनीय हैं। समारोह में विश्व धरोहर सप्ताह एवं भजगोविंद राष्ट्रीय महोत्सव पर वैदेही रामायण कला संग्रहालय सहरसा, बिहार एवं हिमालय विश्व संग्रहालय सिक्कम तथा नृत्य मलंचा सिलीगुड़ी ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।

संस्थान सचिव प्रवीण गुप्ता, रामकुमार आचार्य, अनिरुद्ध भट्टाचार्य, सुव्रत दास, माधव दास, रामकीर्तनदास, रामानंद दास, गोपालभट्ट दास, पदरेणु दास, निमाई वर्मा, अनूप आर अग्रवाल, श्रीदास, मधुरिमा कुंदू मौजूद रहे।

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