Banke Bihari Mandir: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बांकेबिहारी मंदिर के आसपास ध्वस्तीकरण पर सरकार से मांगा जवाब
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वृंदावन के बांकेबिहारी मंदिर के आसपास बिना नोटिस दिए ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। मामले में अगली सुनवाई चार दिसंबर को होगी। बांकेबिहारी मंदिर में पर्वों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के प्रबंधन को लेकर जनहित याचिका दाखिल की गई थी। बता दें कि राज्य सरकार गलियारा बनाने की योजना पर अमल कर रही है।
विधि संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वृंदावन के बांकेबिहारी मंदिर के आसपास बिना नोटिस दिए ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा तथा न्यायमूर्ति सैयद कमर हसन रिजवी की खंडपीठ ने अनंत शर्मा व अन्य की जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। मामले में अगली सुनवाई चार दिसंबर को होगी।
बांकेबिहारी मंदिर में पर्वों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के प्रबंधन को लेकर जनहित याचिका दाखिल की गई थी। कोर्ट की तरफ से पूर्व में गलियारा (कॉरिडोर) बनाए जाने के लिए स्वीकृति दे दी गई थी।
राज्य सरकार गलियारा बनाने की योजना पर अमल कर रही है। इसके तहत मंदिर के आसपास अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जा रही है। सेवायतों के अधिवक्ता संजय गोस्वामी ने सुनवाई के दौरान याचिका की पोषणीयता पर आपत्ति की। कोर्ट के चार अक्टूबर 2024 के आदेश से प्रशासन ने मंदिर के आसपास 81 अवैध अतिक्रमण वाले स्थान चिह्नित किए थे। कोर्ट ने इन्हें हटा कर हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा था।
मुख्य सेवाधिकारी अशोक गोस्वामी के वकील शशि शेखर मिश्र ने बताया कि लोगों को बिना नोटिस दिए व बिना उनका पक्ष सुने प्रशासन मकानों को तोड़ रहा है। इस संबंध में उन्होंने कुछ समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचारों की कटिंग भी दाखिल की। इस पर कोर्ट ने अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता से जानकारी मांगी है।
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