Banke Bihari Mandir Corridor: हाई कोर्ट ने पूछा- बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर को लेकर क्या दिक्कत है?
Banke Bihari Mandir Corridor - मथुरा-वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर के प्रस्तावित कॉरिडोर निर्माण मामले की सुनवाई में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पूछा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए पहल में दिक्कत क्या है? मंगलवार को भी सुनवाई जारी रहेगी।
By Jagran NewsEdited By: Shivam YadavUpdated: Tue, 31 Oct 2023 12:16 AM (IST)
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। मथुरा-वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर के प्रस्तावित कॉरिडोर निर्माण मामले की सुनवाई में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पूछा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए पहल में दिक्कत क्या है? मंगलवार को भी सुनवाई जारी रहेगी।
सोमवार को हुई सुनवाई में सेवायतों की तरफ से याचिका की पोषणीयता सहित कुंज गली व चार पुरातात्विक महत्व के मंदिरों के ध्वस्तीकरण पर आपत्ति जताई गई। सेवायतों की तरफ से अधिवक्ता संजय गोस्वामी ने याचिका की पोषणीयता पर आपत्ति की।
मंदिर गोस्वामियों की निजी संपत्ति
संजय ने कहा कि इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट तक ने हस्तक्षेप नहीं किया। दोबारा जनहित याचिका दायर की गई है। मंदिर गोस्वामियों की निजी संपत्ति है। पूजा और चढ़ावे पर उन्हीं का अधिकार है।सरकार कॉरिडोर के बहाने मंदिर पर आधिपत्य की कोशिश कर रही है। सेवायतों के पूजा के अधिकार में हस्तक्षेप करना चाहती है। याचिका खारिज की जाए। प्लेसेस आफ वर्शिप एक्ट की धारा तीन किसी भी पूजा स्थल की स्थिति में बदलाव पर रोक लगाती है। इसका उल्लंघन दंडनीय अपराध है।
मंदिरों को ध्वस्त करना चाहती है सरकार
चारों तरफ कुल 14 मंदिर हैं। कॉरिडोर से इसमें छेड़छाड़ करने की कोशिश की जा रही है। मंदिर प्रसिद्ध गायक तानसेन के गुरु हरदास संप्रदाय के हैं। सरकार इन मंदिरों को ध्वस्त करना चाहती है, जो गैरकानूनी है।मंदिर का संचालन कमेटी कर रही है। तीन सौ परिवार मंदिर की पूजा अर्चना में लगे हैं। सरकार मंदिर के प्रबंधन में हस्तक्षेप न करें तो उन्हें कॉरिडोर से आपत्ति नहीं होगी। मंदिर के भीतर से सरोकार है, बाहर क्या हो रहा है, उससे सेवायतों का सरोकार नहीं है।
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