महाकुंभ से पहले संतों के सबसे बड़े संगठन में बड़ा बदलाव, श्रीमहंत रवींद्र पुरी को मिला 8 अखाड़ों का समर्थन
महाकुंभ 2025 के आयोजन से पहले अखाड़ा परिषद में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। दो प्रमुख अखाड़ों ने पाला बदला है। इस कारण अब 13 अखाड़ों वाले अखाड़ा परिषद में श्रीमहंत रवींद्र पुरी (अध्यक्ष श्रीनिरंजनी अखाड़ा) को संख्याबल के आधार पर भारी पड़ गए हैं। सितंबर में प्रयागराज में बैठक बुलाकर विधिवत घोषणा की जाएगी। पूरी खबर पढ़िए यहां...
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अलग-अलग गुटों को समर्थन
इसके अलावा निर्मल अखाड़ा कुछ संतों ने अलग गुट बनाकर समर्थन दिया था। निर्मोही अनी अखाड़ा के श्रीमहंत दामोदर दास ने समर्थन पत्र भेजा था। श्रीनिरंजनी अखाड़ा के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी को अध्यक्ष व जूना अखाड़ा के संरक्षक महंत हरि गिरि को महामंत्री चुना गया। निर्मोही व निर्मल अखाड़ा के जिन संतों ने इस गुट को समर्थन दिया था, दूसरा गुट उसे नकार रहा था। इधर, श्रीपंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्वाण के मुखिया महंत दुर्गा दास ने लिखित रूप से रवींद्र पुरी व हरि गिरि गुट को समर्थन दिया है।मामले में अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने टिप्पणी करने से किया इनकार
निर्वाणी अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत मुरली दास ने भी इसी गुट के साथ रहने का निर्णय लिया है। इससे श्रीनिरंजनी गुट को आठ अखाड़ों का समर्थन मिल गया है। वहीं, इस मामले में अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी (सचिव श्री महानिर्वाणी अखाड़ा) ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। कहा कि जल्द बैठक बुलाकर सारी स्थिति स्पष्ट कर दी जाएगी।महंत हरि गिरि ने बनाई रणनीति
अखाड़ा परिषद में बहुमत प्राप्त करने के लिए महंत हरि गिरि ने व्यापक स्तर पर रणनीति बनाई थी। महाकुंभ को लेकर 18 जुलाई को मेला प्रशासन के साथ अखाड़ों के संतों की बैठक होनी थी। इसके पहले 17 जुलाई 2024 की रात मौज गिरि मंदिर में महंत हरि गिरि ने महंत धर्मदास की जगह श्रीमहंत मुरली दास को सर्वसम्मति से निर्वाणी अनी अखाड़ा का मुखिया बनवा दिया। इसके बाद दो अखाड़ों का समर्थन मिल गया। बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में कुछ और अखाड़े पाला बदल सकते हैं।निर्वाणी अनी अखाड़ा ने श्रीमहंत रवींद्र पुरी व महंत हरि गिरि के साथ रहने का निर्णय लिया है। यह निर्णय अखाड़ों के हित को ध्यान में रखकर लिया गया है। हम सबको साथ लेकर महाकुंभ-2025 का आयोजन कराएंगे। संतों व अखाड़ों को सुविधा दिलाने का हरस्तर पर प्रयास किया जाएगा।
-श्रीमहंत मुरली दास, अध्यक्ष अखिल भारतीय श्रीपंच रामानंदीय निर्वाणी अनी अखाड़ा
यह भी पढ़ें- राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की विश्वविद्यालयों को सलाह, वैज्ञानिक प्रतिभा को पहचानें और प्रोत्साहित करेंहमारे अखाड़े ने अखाड़ा परिषद के श्रीमहानिर्वाणी गुट को छोड़कर श्री निरंजनी अखाड़ा वाले संगठन में शामिल होने का निर्णय लिया है। यह कदम महाकुंभ के बेहतर आयोजन और अखाड़ों की सुविधा बढ़ाने के लिए उठाया गया है। इसकी जल्द विधिवत घोषणा की जाएगी।
-दुर्गा दास, मुखिया महंत श्रीपंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्वाण