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पांच राज्यों में 250 करोड़ की धोखाधड़ी करने वाला महाठग गिरफ्तार, पुलिस को चकमा देने में था माहिर

उत्‍तर प्रदेश के प्रयागराज में एसटीएफ को एक बड़ी कामयाबी मिली है। यहां उन्‍होंने पांच राज्‍यों में ठगी करने वाले महाठग को पकड़ लिया है। उसपर बरेली में 25 और उत्‍तराखंड में 50 हजार रुपये का इनाम था। एसटीएफ का कहना है कि कई राज्‍यों को मिलाकर उसपर 39 केस दर्ज हैं। इसकी तलाश कई सालों से चल रही थी।

By Tara Gupta Edited By: Vivek Shukla Updated: Thu, 11 Jul 2024 08:15 AM (IST)
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एसटीएफ की गिरफ्त में करोड़ों की ठगी का आरोपित ज्ञानेश।

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। पांच राज्यों में करीब 250 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी करने का आरोपित महाठग ज्ञानेश पाठक आखिरकार गिरफ्तार हो गया है। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की प्रयागराज टीम ने अभियुक्त को नागपुर से दबोचा।

उस पर उत्तर प्रदेश के बरेली से 25 और उत्तराखंड से 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था। घूरपुर के ततारगंज निवासी ज्ञानेश पाठक पिछले पांच साल से दो राज्यों की पुलिस को चकमा देकर फरारी काट रहा था।

एसटीएफ इंस्पेक्टर जेपी राय ने बताया कि ज्ञानेश पाठक ने वर्ष 2012 में अपने आठ साथियों के साथ मिलकर जेकेवी मल्टीस्टेट क्रेडिट कोआपरेटिव सोसायटी लिमिटेड व जेकेवी रियल एस्टेट डेवलपर लिमिटेड के नाम से पंजीकरण कराया।

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सोसायटी का मुख्य कार्यालय लखनऊ में खोला गया, जिसका अध्यक्ष ज्ञानेश बना। इसके बाद वह अपने सहयोगियों के साथ धन दोगुना करने का झांसा देकर आम लोगों से पैसा जमा करवाने लगा। धीरे-धीरे राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार में सोसायटी के 100 से अधिक शाखाएं खोली।

वर्ष 2018-19 में उसने सोसायटी में पैसा जमा करने वाले लोगों को करीब 20 से 25 करोड़ रुपये का भुगतान किया, लेकिन बाकी रकम को गबन कर लिया। पैसा मांगने वालों को सोसायटी से जुड़े लोग झूठा आश्वासन देते रहे, लेकिन किसी का पैसा वापस नहीं किया गया।

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इसके बाद करीब 250 करोड़ रुपये लेकर सरगना ज्ञानेश समेत अन्य लोग फरार हो गए। धोखाधड़ी का शिकार हुए लोगों ने अलग-अलग पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। मुकदमा पंजीकृत होने के बाद ज्ञानेश यूपी छोड़कर महाराष्ट्र भाग गया और फरारी काटता रहा।

गिरफ्तारी न होने पर बरेली व उत्तराखंड से 75 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था। कुछ दिन पहले एसटीएफ को उसके बारे में सुराग मिला तो दारोगा रणेंद्र कुमार सिंह, सिपाही अमित शर्मा, संतोष कुमार, किशन व अखंड प्रताप की टीम को मुंबई भेजा गया। वहां पहुंचने पर एसटीएफ ने नागपुर के हुडकेश्वर इलाके में घेरेबंदी करके ज्ञानेश को दबोच लिया। पूछताछ में अभियुक्त ने धोखाधड़ी की पूरी कहानी बयां की।

कई राज्य में दर्ज हैं 39 मुकदमे

एसटीएफ का कहना है कि यूपी के सिद्धार्थ नगर, हाथरस, बरेली, बाराबंकी, अमरोहा, बिजनौर, सहारनपुर, शामली, एटा, आगरा, बस्ती, संभल और मुरादाबाद जिले के थाने में धोखाधड़ी के मुकदमे दर्ज हैं। उत्तराखंड के नैनीताल, हरिद्वार, देहरादून, उधमसिंह नगर, राजस्थान के करावली, गुमानपुरा, मध्य प्रदेश के अमाहिया, मुरैना, जबलपुर समेत कई अन्य जिले में कुल 39 अभियोग पंजीकृत हैं। बरेली के किला थाना व उत्तराखंड नैनीताल हल्दानी थाने से इस पर इनाम घोषित था।

एलएलबी संग पत्रकारिता की पढ़ाई

एसटीएफ ने बताया कि ज्ञानेश पाठक ने वर्ष 2005 में उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई की थी। इसके बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एलएलबी किया था। फिर वह यमुनापार के कुछ लोगों के संपर्क में आया और सोसायटी बनाकर धोखाधड़ी शुरू कर दी थी।

गरीब, मध्य, अमीर सभी वर्ग के लोगों से पैसा निवेश करवाकर ठगी की थी। इसके गैंग के कुछ सदस्य पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजे जा चुके थे, लेकिन सगरना ज्ञानेश अब एसटीएफ के हत्थे चढ़ा है।