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Indian Railway: प्राइवेटाइजेशन की दिशा में बढ़ रहे रेलवे का बड़ा कदम, अब कॉरपोरेट की तर्ज पर मिलेगी ये सुविधा

Indian Railway IRCTC कंपनी सभी शिकायतों का रिकार्ड रखेगी और उसका निस्तारण भी सुनिश्चित करेगी। विभिन्न ट्रेनों में क्रू असाइनमेंट के प्रबंधन के लिए उपयोग किए जाने वाले क्रू मैनेजमेंट सिस्टम (CMS) एप्लिकेशन रेल मदद पोर्टल के संचालन और नियंत्रण का कार्य भी इनके पास होगा। इसके अलावा जो शिकायतें मैन्युअल प्राप्त होंगी उन्हें भी आनलाइन फीड करने का काम निजी कंपनियों के आपरेटर के माध्यम से ही किया जाएगा।

By Jagran NewsEdited By: Nitesh SrivastavaUpdated: Fri, 22 Sep 2023 07:27 PM (IST)
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Indian Railway IRCTC: तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतिकरण के लिए है। जागरण
Indian Railway IRCTC, अमरीश मनीष शुक्ल, प्रयागराज : निजीकरण की दिशा में बढ़ रहे रेलवे (Indian Railways Privatisation) ने एक और बड़ा कदम उठाया है। इंटरनेट मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म के जरिये यात्रियों की शिकायतें सुनने और उनका जवाब देने आदि का कार्य अब निजी कंपनियों के माध्यम से होगा।

एक्स (पूर्व में ट्विटर) Indian Railway Twitter Account, फेसबुक (Indian Railway Facebook Account) जैसे इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर रेलवे के अकाउंट के नियंत्रण और संचालन की जिम्मेदारी निजी कंपनियों के हाथों में ही होगी।

एप्लीकेशन के संचालन की जिम्मेदारी भी इन्हें ही दी जा रही है। अब निजी कंपनियां ही रेल यात्रियों की इंटरनेट मीडिया पर करुण पुकार, गुस्से और शिकायतों को सुनेंगी।

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रेल मदद (हेल्पलाइन नंबर) 139 (Railway Helpline Number) पर काल करने के बाद इन कंपनियों के आपरेटर ही यात्रियों से बातचीत भी करेंगे। संबंधित विभाग को समस्या भेज कर उसे हल कराएंगे। कारपोरेट की तर्ज पर रेल यात्रियों को यह सुविधा मिलेगी।

कंपनी सभी शिकायतों का रिकार्ड रखेगी और उसका निस्तारण भी सुनिश्चित करेगी। विभिन्न ट्रेनों में क्रू असाइनमेंट के प्रबंधन के लिए उपयोग किए जाने वाले क्रू मैनेजमेंट सिस्टम (CMS) एप्लिकेशन, रेल मदद पोर्टल के संचालन और नियंत्रण का कार्य भी इनके पास होगा।

इसके अलावा जो शिकायतें मैन्युअल प्राप्त होंगी, उन्हें भी आनलाइन फीड करने का काम निजी कंपनियों के आपरेटर के माध्यम से ही किया जाएगा।

प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआइएस) से शिकायतों का विश्लेषण होगा। यह एकीकृत प्रणाली से बहुत ही कुशल तरीके से डाटा का प्रबंधन और तेजी के साथ समय पर रिपोर्टिंग करेगी। यानी शिकायत आते ही तत्काल जवाब। इसमें रेलवे, अधिकारी, कर्मचारी, विभागों के अध्यक्ष के बीच बेहतर संवाद स्थापित होगा और बेहतर निर्णय लिए जा सकेंगे।

जैसे परिचालन की कोई समस्या है तो तत्काल उस विभाग के प्रमुख, संबंधित कर्मचारी को टैग किया जाएगा। इससे तुरंत कार्रवाई हो सकेगी। तीन वर्षों के लिए यह कार्य निजी कंपनी को दिया जाएगा।

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उत्तर मध्य रेलवे ने इसके लिए लगभग 78 लाख रुपये की निविदा जारी की है। 13 अक्टूबर को निविदा खुलेगी। उत्तर मध्य रेलवे के सीपीआरओ हिमांशु शेखर उपाध्याय ने बताया कि यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के लिए नियंत्रण कार्यालय से इस सुविधाओं का संचालन होगा। (Indian Railway IRCTC)

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