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UP News: आरओ/एआरओ पेपर लीक में बिशप जानसन की पूर्व प्रिंसिपल पारुल सोलोमन गिरफ्तार, STF ने की कार्रवाई

RO-ARO paper leak case यूपी लोक सेवा आयोग की समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ/एआरओ) भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में बिशप जानसन गर्ल्स स्कूल एंड कॉलेज की पूर्व प्रिंसिपल पारुल सोलोमन को गिरफ्तार किया गया है। एसटीएफ ने उन्हें सिविल लाइंस थाने में दाखिल करने के बाद कोर्ट में पेश किया जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में नैनी जेल भेज दिया गया।

By Tara Gupta Edited By: Vivek Shukla Updated: Fri, 27 Sep 2024 11:24 AM (IST)
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गिरफ्तार की गई बिशप जानसन गर्ल्स स्कूल की पूर्व प्रिंसिपल
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। उप्र लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित कराई गई समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ/एआरओ) के पेपर लीक मामले में बिशप जानसन गर्ल्स स्कूल एंड कालेज की पूर्व प्रिंसिपल पारुल सोलोमन को भी स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने गिरफ्तार किया है।

सिविल लाइंस थाने में दाखिल करने के बाद गुरुवार शाम एमजी मार्ग सिविल लाइंस निवासी पारुल को कोर्ट में पेश किया, जहां से न्यायिक अभिरक्षा में नैनी जेल भेज दिया गया। अभियुक्त के कब्जे से दो मोबाइल बरामद हुआ है।

इसी स्कूल से पेपर लीक करने के मुख्य आरोपित संविदा कर्मचारी अर्पित विनीत यशवंत की नियुक्ति पारुल ने ही की थी। इसी आधार पर पाया गया कि विनीत ने तत्कालीन प्रिंसिपल पारुल के सहयोग से ही पेपर लीक किया था।

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पूर्व प्रिंसिपल की गिरफ्तारी से स्कूल के कर्मचारियों समेत अन्य लोगों में खलबली मची रही। प्रकरण में अब तक मास्टर माइंड राजीव नयन मिश्रा समेत 16 आरोपितों को पूर्व में गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। आरओ/एआरओ की लिखित परीक्षा 11 फरवरी को आयोजित गई थी, मगर प्रश्नपत्र लीक होने के कारण परीक्षा निरस्त कर दी गई थी।

पूरे प्रकरण की विवेचना एसटीएफ को सौंपी गई थी। तब लखनऊ एसटीएफ के डिप्टी एसपी लाल प्रताप सिंह ने टीम के साथ कटरा स्थित बिशप जानसन गर्ल्स स्कूल एंड कालेज से पेपर लीक करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया था। एसटीएफ ने स्कूल के कर्मचारी म्योराबाद कैंट निवासी अर्पित विनीत यशवंत सहित सहित कई अन्य को गिरफ्तार किया था।

पूछताछ में अर्पित ने पेपर लीक करने की बात स्वीकार की थी। साथ ही पूरे में मामले में कई अन्य लोगों के शामिल होने की बात कही थी। मुकदमे के विवेचक एसटीएफ इंस्पेक्टर अंजनी कुमार तिवारी ने जांच को आगे बढ़ाया तो पता चला कि अर्पित बाहरी व्यक्ति था, जिसे स्कूल में नौकरी पूर्व प्रिंसिपल पारुल सोलोमन ने दी थी।

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स्कूल में नकलविहीन परीक्षा कराने की जिम्मेदारी तत्कालीन प्रिंसिपल पारुल की थी, लेकिन उन्होंने अपने जिम्मेदारियों का निर्वहन नहीं किया। एसटीएफ को अर्पित और पारुल के बीच बातचीत से लेकर कई अन्य साक्ष्य मिले। यह भी पता चला कि पारुल के सहयोग से ही अर्पित ने पेपर लीक किया था, जिसके आधार पर कार्रवाई की गई है।

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