Prayagraj News: भाजपा महानगर की कमान राजेंद्र मिश्र तो गंगापार की कविता पटेल और यमुनापार की विनोद प्रजापति को
भाजपा ने काशी प्रांत के 16 जिलों के अध्यक्षों को बदल दिया है। प्रयागराज महानगर की कमान राजेंद्र मिश्र को मिली है तो गंगापार की अध्यक्ष कविता पटेल बनाई गई हैं। जबकि यमुनापार के अध्यक्ष विनोद प्रजापति बने हैं। महानगर अध्यक्ष का दायित्व अब तक गणेश केसरवानी के पास था। पिछले दिनों वह महापौर चुने गए जिसके बाद से ही नए अध्यक्ष पर कयास लगाए जा रहे थे।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। लंबे इंतजार के बाद भाजपा ने नए जिलाध्यक्षों की सूची जारी कर दी है। पहले चरण में काशी प्रांत के 16 जिलों के अध्यक्ष बदले गए हैं। इनमें प्रयागराज के महानगर, गंगापार और यमुनापार के अध्यक्ष भी शामिल हैं। महानगर की कमान राजेंद्र मिश्र को मिली है। यह पूर्व में भी अध्यक्ष रह चुके हैं। गंगापार की अध्यक्ष कविता पटेल बनाई गई हैं जबकि यमुनापार के अध्यक्ष विनोद प्रजापति बने हैं।
गणेश केसरवानी के पास थी महानगर अध्यक्ष की कमान
महानगर अध्यक्ष का दायित्व अब तक गणेश केसरवानी के पास था। पिछले दिनों वह महापौर चुने गए उसके बाद से नए अध्यक्ष के नाम को लेकर कयास लगाए जाने लगे थे। इसी के साथ यमुनापार में भी नगर निकाय चुनाव के दौरान अध्यक्ष पर रुपये लेकर कर टिकट देने के आरोप लगे थे। उसके साथ वहां भी अध्यक्षी में बदलाव के कयास लगाए जा रहे थे लेकिन माना जा रहा था कि वहां का अध्यक्ष किसी एससी को बनाया जाएगा। पार्टी ने कयासों को दरकिनार करते हुए ओबीसी वर्ग से पदाधिकारी का चुनाव किया।
इसे भी पढ़ें, BJP District President: भाजपा ने गोरखपुर क्षेत्र के 12 जिलों में से बदले 9 जिलाध्यक्ष, इन्हें मिला दोबारा मौका
आगामी चुनाव व पिछले फीडबैक का रखा गया पूरा ध्यान
इसी तरह गंगापार में वर्तमान में अध्यक्ष का दायित्व अश्वनी दुबे पर था। कार्यकाल पूर्ण होने के बाद यह तय हो चुका था कि उनके स्थान पर पार्टी नए अध्यक्ष का चुनाव करेगी। माना जा रहा था कि किसी ब्राह्ण को ही यह पद मिलेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। संगठन ने आगामी लोकसभा चुनाव के साथ पिछले फीडबैक को भी ध्यान में रखते हुए नए पदाधिकारियों का चुनाव किया है। जिले में एक सीट महिला कोटे में देकर संदेश दिया है कि महिलाओं को भी पूरा प्रतिनिधित्व दिया जा रहा है।
ओबीसी वर्ग को मिली प्रमुखता
यह जरूर है कि ओबीसी वर्ग को प्रमुखता मिली है। महानगर की सीट पर अब तक वैश्य बिरादरी के अध्यक्ष थे। यहां उम्मीद के अनुरूप ब्राह्मण वर्ग से अध्यक्ष का चुनाव किया गया है। इसकी वजह यह कि पिछले दिनेां महापौर के पद पर वैश्य, एमएलसी के लिए एससी वर्ग के लोगों को अवसर दिया गया। यही वजह है कि ब्राह्मणों को जोड़े रखने के लिए उसी वर्ग से अध्यक्ष पार्टी ने देने का निर्णय लिया।