Lok Sabha Election 2024: इस बार अल्पसंख्यक मोर्चा की रणनीति अपना रही BJP, उर्दू व अरबी में लगा रही होर्डिंग; 400 पार का टारगेट
फाफामऊ में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बासित अली की ओर से उर्दू में पहली होर्डिंग लगाई गई है। होर्डिंग में प्रधानमंत्री मोदी मुख्यमंत्री योगी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य महानगर अध्यक्ष राजेंद्र मिश्र रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह व अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष की तस्वीर लगी है।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव में भाजपा सहयोगी दलों की मदद से 400 पार का लक्ष्य लेकर चल रही है। इसके लिए कार्यकर्ताओं से संवाद बढ़ाने, सम्मेलन कराने, घर-घर दस्तक देने जैसे अभियान के साथ युवा, महिला, किसान, गरीब जैसी जातियों में समाज को वर्गीकृत कर मतदाताओं के पास पहुंचने का प्रयास है।
अपने पाले में मुस्लिमों को भी लाने का लक्ष्य पार्टी ने रखा है। इसके लिए भाजपा ने मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में उर्दू और अरबी भाषा में प्रचार सामग्री प्रसारित करने का निर्णय लिया है। इन होर्डिंग व पत्रकों पर लिखा है, फिर एक बार मोदी सरकार, अबकी बार 400 पार। ऐसे कई बैनर भी लगाए जाएंगे।
भाजपा को मुस्लिम समाज का मिल रहा समर्थन
भाजपा के इस नए अभियान को लेकर पार्टी के नेता व अखिल भारतीय गो रक्षा महासंघ के प्रदेश महामंत्री/पूर्वांचल प्रभारी समर अब्बास रिजवी का कहना है कि भाजपा सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास के नारे को अपना उद्देश्य मानकर चल रही है। पार्टी को मुस्लिम समाज का समर्थन मिल रहा है। अब जब उर्दू और अरबी भाषा में बैनर लगाए जायेंगे तो मुस्लिम समाज में ज्यादा प्रभाव पड़ेगा। इससे प्रदेश की सभी 80 सीटों के जीने का लक्ष्य पूरा होगा।
फाफामऊ में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बासित अली की ओर से उर्दू में पहली होर्डिंग लगाई गई है। इसमें प्रधानमंत्री मोदी, मुख्यमंत्री योगी, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, महानगर अध्यक्ष राजेंद्र मिश्र, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह व अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष की तस्वीर लगी है।
एक बार फिर मोदी सरकार का स्लोगन
इस पर एक बार फिर मोदी सरकार का स्लोगन भी अंकित है। इससे पूर्व पार्टी की ओर से हिंदी के साथ अंग्रेजी में प्रचार सामग्री कुछ राज्यों में प्रसारित होती रही है लेकिन उर्दू और अरबी भाषा का प्रयोग पहली बार हो रहा है।
केंद्रीय कार्यालय नई दिल्ली की तरफ से कहा गया है कि मुस्लिम समाज के कई बुजुर्ग हिंदी व अंग्रेजी नहीं समझते लेकिन उर्दू भली प्रकार समझते हैं।इसलिए उनकी भाषा में प्रचार सामग्री तैयार कर संगठन की बात को पहुंचाया जाए।
यह भी पढ़ें-