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UP News: मंत्री नन्दी की कंपनी से ठगी की गई रकम से खरीदी गई क्रिप्टो करेंसी, 100 से अधिक खातों में ट्रांसफर

प्रदेश मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी की कंपनी के अकाउंटेंट से ठगी के मामले में नया खुलासा हुआ है। जांच में पता चला है कि 2.08 करोड़ रुपये 100 से अधिक बैंक खातों में ट्रांसफर किए गए हैं। साथ ही तीन खातों से यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट आफ ट्रेजरी एक डिजिटल मुद्रा (क्रिप्टो करेंसी) खरीदी गई है। इससे विदेशों में बैठे साइबर अपराधियों के शामिल होने का संदेह गहरा गया है।

By rajendra yadav Edited By: Vivek Shukla Updated: Sun, 17 Nov 2024 08:44 AM (IST)
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कैबिनेट मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी की कंपनी के अकाउंटेंट से ठगी। जागरण
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। प्रदेश के कैबिनेट मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी की कंपनी के अकाउंटेंट रितेश श्रीवास्तव से दो करोड़ आठ लाख रुपये ठगने के मामले में नए-नए तथ्य सामने आ रहे हैं। जांच में जुटीं पुलिस टीमों को पता चला है कि 2.08 करोड़ रुपये 100 से अधिक बैंक खातों में ट्रांसफर की गई है।

यही नहीं तीन खाते ऐसे हैं, जिससे यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट आफ ट्रेजरी एक डिजिटल मुद्रा (क्रिप्टो करेंसी) खरीदी गई है। ऐसे में इस पूरे प्रकरण में साइबर अपराधियों के विदेशों में बैठे साथियों के भी हाथ होने का संदेह गहरा गया है।

मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी की इकावो एग्रो डेली प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के डायरेक्टर उनके पुत्र अभिषेक गुप्ता हैं। डायरेक्टर की फोटो व्हाट्सएप पर लगाकर कंपनी के अकाउंटेंट रितेश श्रीवास्तव को मैसेज भेजकर साइबर अपराधियों ने 13 नवंबर को 2.08 करोड़ रुपये की ठगी की थी।

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जांच में साइबर पुलिस की तीन के साथ ही स्पेशल टीम को भी लगाया गया है। एक-एक बिंदु को टीमों ने खंगाला तो पता चला कि पहले ठगी के 2.08 करोड़ रुपये तीन खातों में ट्रांसफर करवाए गए, जिसमें गैलेक्सी इलेक्ट्रानिक्स के एक्सिस बैंक के एकाउंट में 68 लाख, आर ग्लोबलाइजेशन ट्रेडिंग ओपीसी प्राइवेट लिमिटेड के खाते में 75 लाख और लीडर आयल कार्पोरेशन लिमिटेड के बैंक एकाउंट में 65 लाख रुपये साइबर अपराधी ने मंगवाए थे। इसके बाद इन तीनों खातों से 100 से अधिक खातों में रुपये ट्रांसफर किए गए।

इसमें से तीन खाते ऐसे मिले हैं, जिनसे क्रिप्टो करेंसी खरीदी गई है। यह करेंसी खरीदने वाले कौन लोग हैं, अब इसका पता टीमें लगा रही हैं। सूत्रों की मानें तो पुलिस की तीन टीमों को अलग-अलग राज्यों में रवाना हुई हैं। डीसीपी नगर अभिषेक भारती का कहना है कि जांच टीमें लगी हैं। कई महत्वपूर्ण जानकारियां भी हाथ लगी हैं और जल्द ही साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया जाएगा।

खाताधारकों की बनाई जा रही सूची

जांच टीमों ने उन सभी बैंक खाताधारकाें की सूची तैयार करने में लगी है, जिनके खाते में ठगी की रकम भेजी गई है। पुलिस को आशंका है कि यह सभी खाते फर्जी हैं, जिसे साइबर अपराधियों ने किसी न किसी के नाम से खुलवाया है, ताकि वह पुलिस की चंगुल में न आ सकें। ऐसे में इन सभी खातों के सत्यापन में टीमें लगी हैं। पुलिस अधिकारियों को पूरा यकीन है कि इन्हीं खातों के माध्यम से वह साइबर अपराधियों तक पहुंचेंगे।

अमेरिकी डालर के लगभग बराबर होती है क्रिप्टो करेंसी

क्रिप्टो करेंसी को क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफार्म के माध्यम से खरीदा जाता है। इसकी कीमत एक तौर पर अमेरिकी डालर के आसपास ही होती है। एक बार रुपया क्रिप्टो करेंसी में अगर बदला तो इसे कई खातों और वालेट में आसानी से ट्रांसफर किया जा सकता है। सबसे मुश्किल इसे ट्रैक व रिकवर करना होता है। ऐसे में अगर ठगी की शत प्रतिशत रकम को क्रिप्टो करेंसी में तब्दील कर दिया गया तो पुलिस के लिए इसे ट्रैक व रिकवर करना एक बड़ी चुनौती होगी।

मामले की जांच चल रही है। जागरण


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गोरखपुर में पान मसाला कंपनी के मालिक को भी ऐसे ही ठगा

दो दिन पहले गोरखपुर में एक पान मसाला के मालिक अमर तुलस्यान के नाम पर कंपनी के जीएम से 2.70 करोड़ रुपये की जालसाजी की गई। कंपनी के जीएम रमेश कुमार के मोबाइल पर एक व्हाट्सएप नंबर से मैसेज आया। डीपी पर मालिक की तस्वीर लगी थी।

मैसेज था कि नया नंबर इस्तेमाल कर रहा हूं, नंबर भेज रहा हूं, इस पर तत्काल पैसे भेजो। इसके बाद एक बार 90 लाख और दूसरी बार 1.80 करोड़ रुपये आनलाइन बैंकिंग से भेज दिया गया था। ऐसे में मंत्री नन्दी की कंपनी के अकाउंटेंट से हुई ठगी की जांच कर रही टीमों को आशंका है कि इन दोनों घटनाओं को एक ही गिरोह ने अंजाम दिया है। हालांकि, यह तो साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी के बाद ही साफ होगा।

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