'मुझे लिंग परिवर्तन कराना है', महिला कांस्टेबल के मामले पर हाईकोर्ट सख्त, राज्य सरकार ने मांगा 3 महीने का समय
Uttar Pradesh News इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जेंडर रिअसाइनमेंट सर्जरी (एसआरएस) के लिए नियम बनाने में कार्रवाई नहीं करने और इसके लिए राज्य सरकार के तीन माह का समय मांगने पर नाराजगी जताई है। कोर्ट ने 18 अक्टूबर को होने वाली अगली सुनवाई पर यह बताने के लिए कहा है कि एसआरएस का नियम बनाने के लिए क्या किया गया है।
By Jagran NewsEdited By: Abhishek PandeyUpdated: Tue, 26 Sep 2023 02:44 PM (IST)
Uttar Pradesh News। विधि संवाददाता, प्रयागराज : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जेंडर रिअसाइनमेंट सर्जरी (एसआरएस) के लिए नियम बनाने में कार्रवाई नहीं करने और इसके लिए राज्य सरकार के तीन माह का समय मांगने पर नाराजगी जताई है। कोर्ट ने 18 अक्टूबर को होने वाली अगली सुनवाई पर यह बताने के लिए कहा है कि एसआरएस का नियम बनाने के लिए क्या किया गया है।
कोर्ट ने अगली तारीख तक सक्षम प्राधिकारी को याची के लंबित आवेदन पर उचित निर्णय लेने का भी निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति अजित कुमार ने महिला कांस्टेबल नेहा सिंह की याचिका पर पिछली सुनवाई को दो निर्देश दिए गए थे।
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एक याची के लिंग परिवर्तन की मांग में दाखिल अर्जी के निस्तारण का था और दूसरा केंद्र सरकार के पारित अधिनियम और राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण बनाम भारत संघ व अन्य के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में राज्य को जेंडर रिअसाइनमेंट सर्जरी (एसआरएस) के संदर्भ में नियम बनाने के लिए था।