'जातीय जनगणना सिर्फ गिनती नहीं, मोदी नहीं करेंगे तो दूसरे प्रधानमंत्री…', संविधान सम्मेलन में बोले राहुल गांधी
इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन (एएमए) सभागार में संविधान सम्मान सम्मेलन में बतौर मुख्य वक्ता कांग्रेस नेता लोगों को संबोधित किया। राहुल गांधी ने देश में हुनर की इज्जत न होने और 50 प्रतिशत आरक्षण के बैरियर को उखाड़ फेंकने की बात कही है। उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना सिर्फ गिनती भर नहीं है बल्कि यह धन के वितरण न्यायपालिका नौकरशाही और मीडिया में भागीदारी का भी आंकलन करेगी।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार शाम यहांं कहा कि देश में हुनर की इज्जत नहीं है। हम देश में 50 प्रतिशत आरक्षण का बैरियर उखाड़ फेंकेंगे।
इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन (एएमए) सभागार में संविधान सम्मान सम्मेलन में बतौर मुख्य वक्ता कांग्रेस नेता ने कहा कि अनलिमिटेड स्किल है, 30-40 साल का अनुभव वाले पूछे नहीं जा रहे हैं। ऐसे 90 परसेंट लोग सिस्टम से बाहर बैठे हैं, ऐसे में देश कैसे महाशक्ति बन जाएगा?
इन वर्गों को कितना मिलेगा फायदा
इसलिए हमने जातिगत जनगणना की बात कही है। यह हमारे लिए सिर्फ गिनती भर नहीं है। भाजपा वाले कह रहे हैंं कि ओबीसी का कालम होगा।मेरा विजन है कि हिंदुस्तान में धन किस तरह बांटा जा रहा है, यह सामने आना चाहिए। ओबीसी के हाथ में कितना है, दलितों के हाथ में कितना है, मजदूरों के हाथ में कितना है ।
हिंदुस्तान में ज्युडीशियिरी, ब्यूरोक्रेसी व मीडिया में इन लोगों की कितनी भागीदारी है, हम यह जानना चाहते हैं। संविधान ने सभी की समानता की बात कही है। अब 70 साल हो गए हैं, हम यह जानना चाहते हैं कि इसका कितना असर पड़ा है?
मैने निकाली कॉरपोरेट इंडिया के 500 लोगों की सूची
राहुल ने कहा, मैंने कॉरपोरेट इंडिया के पांच सौ लोगों की सूची निकाली है, इसमें एक भी दलित -आदिवासी नहीं है। नेशनल मीडिया में कोई दलित-आदिवासी एंकर नहीं हैं। कोई हो तो बताएं। 73 परसेंट दलित- आदिवासी व ओबीसी मीडिया में जीरो हैं। जातीय जनगणना हमारे लिए सिर्फ गिनती नहीं है। जातीय जनगणना हमारे लिए दूसरी गाइड है।
बैंकिंग सिस्टम की चर्चा करते हुए बोले, नरेंद्र मोदी ने 25 लोगों का 16 लाख करोड़ रुपये माफ कर दिया है। इनमें कोई भी दलित, ओबीसी व आदिवासी नहीं है। हम इनके लिए स्पेशल बैंक बनाएंगे। हमारा काम 100 परसेंट लोगों की मदद करना है। इसके लिए हमें इनफारमेशन व डाटा चाहिए। जातीय जनगणना, सोशल इकोनामी सर्वे, इंस्टीट्यूशन सर्वे कराएंगे।
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