UP News: नोटरी नियुक्ति में आरक्षण न लागू करने को चुनौती, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने किया राज्य सरकार से जवाब किया तलब
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 29 मई 2023 की अधिसूचना से नोटरी नियुक्ति में आरक्षण नियमों की अनदेखी करने के खिलाफ दाखिल याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है और याचिका को सुनवाई के लिए 12 जनवरी 2024 को पेश करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी तथा न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार की खंडपीठ ने रामचंद्र सिंह की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।
विधि संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 29 मई 2023 की अधिसूचना से नोटरी नियुक्ति में आरक्षण नियमों की अनदेखी करने के खिलाफ दाखिल याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है और याचिका को सुनवाई के लिए 12 जनवरी 2024 को पेश करने का निर्देश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी तथा न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार की खंडपीठ ने रामचंद्र सिंह की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। याची के अधिवक्ता योगेन्द्र कुमार यादव का कहना है कि इससे पहले सात मार्च 2007 विशेष सचिव अपर विधि परामर्शी ने सोनभद्र के जिला जज को आरक्षण नियमानुसार नोटरी की नियुक्ति का आदेश दिया था।
नोटरी नियुक्ति में नहीं लागू हुआ आरक्षण नियम
इसके अलावा 26अक्टूबर 2021 मे भी नोटरी पद पर नियुक्ति के लिए मांगे गए विज्ञापन में रिजर्वेशन पॉलिसी के अनुसार जिला स्तर पर नियुक्ति की गई थी। अब 29मई 2023 से प्रदेश स्तर पर नोटरी नियुक्ति में आरक्षण नियमों को लागू नहीं किया गया है। यह संविधान का उल्लंघन है। उन्होंने अपने पक्ष में कोर्ट की कुछ नजीरें पेश की।राज्य सरकार की तरफ से अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता अंबरीष शुक्ल ने कहा कि नोटरी की नियुक्ति नौकरी नहीं है। नोटरी नियमावली 1956 के नियम 8 व नोटरी कानून 1952की धारा 2डी के तहत नोटरी को आबद्ध किया जाता है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया। कोर्ट ने मुद्दा विचारणीय माना और राज्य सरकार से याचिका पर जवाब मांगा।
इसे भी पढ़ें: पुलिस विभाग ने कांस्टेबल व हेड कांस्टेबल का किया था तबादला, अब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने किया रद्द: पढ़ें पूरा मामला