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प्रयागराज में मारे गए चाचा-भतीजे के पर‍िजनों को सीएम योगी ने दिए पांच-पांच लाख रुपये, दोषि‍यों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश

दीपावली पर विवादित जमीन पर दीपक जलाने को लेकर हुए संघर्ष में घायल चाचा-भतीजे जितेंद्र व पवन दुबे की रविवार को मौत के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीड़ित के स्वजन को पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता के निर्देश दिए हैं। डीसीपी गंगानगर कुलदीप सिंह गुनावत ने बताया कि मारपीट में जख्मी होने और हृदय गति रुकने से दो लोगों की मौत हुई है। आरोपियों की तलाश जारी है।

By Jagran News Edited By: Vinay Saxena Updated: Tue, 05 Nov 2024 08:44 AM (IST)
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उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आद‍ित्‍यनाथ।- फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। दीपावली पर विवादित जमीन पर दीपक जलाने को लेकर हुए संघर्ष में घायल चाचा-भतीजे जितेंद्र व पवन दुबे की रविवार को मौत के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीड़ित के स्वजन को पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता के निर्देश दिए हैं। पुलिस पांच नामजद आरोपितों रवि शंकर यादव, धारा यादव, विकास यादव, सुनील कुमार, ध्रुव शंकर को जेल भेज चुकी है, लेकिन अन्य आरोपित फरार हैं। इस बीच सोमवार को स्वजन मृतकों का अंतिम संस्कार न करने पर अड़ गए। हालांकि, बाद में डीएम व कमिश्नर के समझाने पर अंतिम संस्कार कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने फरार आरोपितों की गिरफ्तारी के साथ पीड़ित पक्ष को हर संभव आर्थिक सहायता के निर्देश दिये हैं।

उतरांव के आराकला के मजरा कजरीगढ़ गांव निवासी सुरेंद्र कुमार दुबे का उनके पड़ोसी राम अभिलाष यादव से एक जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। दीपावली पर उसी विवादित जमीन पर एक पक्ष ने दीपक जला दिया। दोनों पक्षों में झगड़ा शुरू हो गया। आरोप है कि राम अभिलाष यादव पक्ष ने लाठी, डंडा, गड़ासा सहित अन्य हथियार से हमला कर दिया। इससे पवन कुमार दुबे, राजेंद्र प्रसाद दुबे, इंद्र कुमार, प्रद्युम्न कुमार, जितेंद्र प्रसाद दुबे गंभीर रूप से जख्मी हो गए। सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां रविवार सुबह पवन कुमार की मौत हो गई। वहीं, रविवार रात ही पवन के चाचा जितेंद्र की भी मौत हो गई। इससे मृतक के परिवार ही नहीं बल्कि गांव वालों में भी आक्रोश फूट पड़ा।

सोमवार सुबह जितेंद्र का शव गांव लाए जाने पर ग्रामीणों में उबाल आ गया। उन्होंने उतरांव थाने की पुलिस पर शिथिलता बरतने सहित कई आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। दिन भर आक्रोशित भीड़ को पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों ने समझाने का प्रयास किया लेकिन वह नहीं माने। मांगें पूरी कराने के लिए वे डीएम और पुलिस कमिश्नर को बुलाने की जिद पर अड़ गए। शाम को डीएम रविंद्र कुमार व एडिशनल सीपी एन कोलांची ने मौके पर जाकर पीड़ित परिवार तथा ग्रामीणों से बातचीत की। उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया, तब जाकर चाचा-भतीजे का अंतिम संस्कार किया गया।

जितेंद्र की मौत हार्ट अटैक से होने की बात कही गई है। प्रकरण में मारपीट की घटना में शामिल 10 नामजद व कई अज्ञात के खिलाफ उतरांव पुलिस ने मुकदमा कायम किया था। डीसीपी गंगानगर कुलदीप सिंह गुनावत ने बताया कि जमीन के संबंध में दो पक्षों के बीच मारपीट हुई थी। मारपीट में जख्मी होने और हृदय गति रुकने से दो लोगों की मौत हुई है। फरार आरोपितों की तलाश चल रही है।

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