Prayagraj News: महाकुंभ के पहले ही खुल जाएंगे अक्षयवट के द्वार, सुरक्षा में लगाई जाएगी सेना
प्रयागराज में यमुना तट पर अकबर के किले में अक्षयवट स्थित है। मुगलकाल से इसके दर्शन पर प्रतिबंध था। ब्रिटिश काल और आजाद भारत में भी किला सेना के आधिपत्य में रहने के कारण तीर्थ यात्रियों के लिए इस वट वृद्ध का दर्शन दुर्लभ था। लेकिन वर्तमान समय में अक्षयवट का दर्शन सबके लिए सुलभ हो गया है। इसकी सुरक्षा में सेना लगाई जाएगी।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। महाकुंभ के पहले ही किला स्थित अक्षयवट के द्वार खोल देने की तैयारी चल रही है। वहां सुरक्षा के मद्देनजर बैगेज स्कैनर आदि उपकरण आ गए हैं। सुरक्षा में सेना भी लगाई जाएगी।
महाकुंभ के दृष्टिगत किला स्थित अक्षयवट, पातालपुरी, सरस्वती कूप तथा बड़े हनुमान मंदिर कारिडोर के कार्यों की मंगलवार को पुलिस तथा प्रशासनिक अधिकारियों ने प्रगति देखी।
सबसे पहले सेना के अधिकारियों की देखरेख में तथा स्मार्ट सिटी से वित्तपोषित अक्षयवट, पातालपुरी एवं सरस्वती कूप कारिडोर का निरीक्षण करते हुए लैंडस्कैपिंग एवं सौंदर्यीकरण के कार्यों का अवलोकन किया। फिर अक्षयवट के आगे जोधाबाई द्वार के पास के स्थान को जोधा वाटिका के रूप में विकसित करने के लिए कराए जा रहे कार्यों को भी देखा।
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इस स्थान भगवान कृष्ण की भव्य प्रतिमा लगाते हुए लैंडस्केपिंग एवं ग्रीनरी विकसित करने का कार्य कराया जा रहा है। इसी क्रम में पातालपुरी मंदिर के ऊपर एवं अंदर के हिस्से तथा सरस्वती कूप के सौंदर्यीकरण के कार्यों का भी निरीक्षण किया गया।
सभी कार्य पूर्ण होने के पश्चात इन्हें श्रद्धालुओं के लिए कुंभ से पहले ही खोलने की योजना है। सभी अधिकारियों ने हनुमान मंदिर कारिडोर बनाने के दृष्टिगत प्रस्तावित कार्यों के लेआउट को भी देखा। मंदिर प्रांगण जाकर वहां पर सर्कुलेटिंग एरिया बढ़ाने एवं सौंदर्यीकरण करने के लिए प्रस्तावित कार्यों को विस्तार पूर्वक समझा।
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आने वाली भीड़ के बेहतर प्रबंधन के लिए प्रवेश एवं निकास मार्गों पर किस तरह की सुविधाएं उपलब्ध करानी है, उस पर भी मंथन किया। निरीक्षण में एडीजी जोन भानु भास्कर, मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत, पुलिस आयुक्त तरुण गाबा, कुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद, एडीएम दयानंद प्रसाद व विवेक चतुर्वेदी भी शामिल रहे।