Bijli Bill: फिक्स यूनिट के हिसाब से आ रहा बिजली बिल तो हो जाएं सतर्क, एक साथ करना पड़ सकता है पूरा भुगतान; पढ़ लें नया नियम
UP Power Corporation बिना रीडिंग का बिल (आइडीएफ) को संशोधन कराना अब उन उपभोक्ताओं के लिए आसान नहीं होगा जिनके यहां लंबे समय से फिक्स यूनिट के हिसाब से बिजली बिल आ रहा है। बिना रीडिंग का बिल दो कारणों से ही उपभोक्ताओं के यहां आता है। पहला मीटर खराब हो और दूसरा रीडर रीडिंग न कर रहा हो।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। Bijli Bill: बिना रीडिंग का बिल (आइडीएफ) को संशोधन कराना अब उन उपभोक्ताओं के लिए आसान नहीं होगा, जिनके यहां लंबे समय से फिक्स यूनिट के हिसाब से बिजली बिल आ रहा है। बिल को संशोधित कराने के लिए अधिशासी अभियंता को प्रार्थना पत्र देते हुए कारण बताना होगा। संतोषजनक कारण मिलने पर ही ऐसे बिल का संशोधन होगा, अन्यथा पूरा भुगतान करना पड़ेगा।
बिना रीडिंग का बिल दो कारणों से ही उपभोक्ताओं के यहां आता है। पहला मीटर खराब हो और दूसरा रीडर रीडिंग न कर रहा हो। ऐसी दशा में फिक्स यूनिट के हिसाब से प्रतिमाह बिजली का बिल उपभोक्ता को भेजा जाता है। जिन उपभोक्ताओं के यहां इस तरह के बिजली के बिल आते हैं, उसमें 90 प्रतिशत भुगतान ही नहीं करते। काफी बकाया होने के बाद उपभोक्ता की शिकायत पर एसडीओ व जेई इन बिलों को संशोधित कर देते थे। लेकिन अब यह सब करना आसान नहीं होगा।
सबकुछ सही मिलने पर ही बिजली बिल का होगा संशोधन
एसडीओ व जेई बिजली के बिल का संशोधन तब तक नहीं कर सकेंगे, जब तक अधिशासी अभियंता अनुमति नहीं देंगे। उपभोक्ताओं को अधिशासी अभियंता को प्रार्थना पत्र देकर बताना होगा कि उनका मीटर सही है या खराब? खराब है तो कितने समय से? मीटर बदलने के लिए किसे प्रार्थना पत्र दिया था?। सब कुछ सही मिलने पर ही बिजली के बिल को संशोधित किया जाएगा।यही नहीं, अगर उपभोक्ताओं ने मीटर रीडर के न आने से आइडीएफ में बिजली का बिल आने की बात कही तो बिना किसी स्पष्टीकरण के रीडर के खिलाफ कार्रवाई होगी।मुख्य अभियंता विश्वजीत अंबरदार का कहना है कि पहले तो यही कोशिश है कि सभी उपभोक्ताओं को रीडिंग का बिजली का बिल मिले। इसके बाद भी अगर मीटर खराब हाेने व रीडर की लापरवाही से बिना रीडिंग का बिल उपभोक्ताओं को मिलता है तो उसका संशोधन अधिशासी अभियंता के निर्देश पर ही होगा।
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