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Prayagraj News: उपक्रमशील शाखाएं समस्याओं को चिह्नित कर दे रहीं समाधान, हर शाखा को दी गई है 200 से अधिक लोगों की सूची

प्रयाग उत्तर भाग में कुल शाखा 152 हैं। इसमें व्यवसायी शाखामिलन शाखा 88 हैं। 60 सेवा बस्ती में 30 स्थानों पर सेवा कार्य हो रहे हैं। नैनो भाग में कुल 67 शाखाए हैं। 24सेवा बस्ती हैं जिनमें 10 जगहों पर उपक्रम शाखाएं चल रही हैं। प्रयाग दक्षिण में कुल 156 शाखाएं हैं। 48 सेवा बस्ती में 28 उपक्रम शाखाओं की गतिविधि चल रही है।

By Amlendu Tripathi Edited By: Vivek Shukla Updated: Sat, 10 Aug 2024 03:35 PM (IST)
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राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ स्वयंसेवकों सामाजिक कार्यों से जोड़ा गया है। जागरण
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ स्वयंसेवकों को नियमित रूप से सामाजिक कार्यों से जोड़ रहा है। इसके लिए उपक्रम शाखाओं की सक्रियता बढ़ाई जा रही है। संगठन ने 200 से अधिक कार्यों की सूची प्रत्येक शाखाओं को दी है।

उसके अनुसार क्षेत्र में सर्वे कर कार्यों व परेशानियों को चिह्नित करने का अभियान पिछले दिनों चलाया गया। अब उसके अनुसार स्वयंसेवक समस्याओं के समाधान के लिए कार्य कर रहे हैं। इन कार्यों की जानकारी संघ प्रमुख तक भेजी जाएगी।

सहयोगी संगठन सेवा भारती, वनवासी कल्याण आश्रम व भारत विकास परिषद जैसी संस्थाओं को भी अभियान का हिस्सा बनाया जा रहा है। खासकर यातायात प्रबंधन, पार्क व मोहल्ले की सफाई, पौधरोपण, पौधों की देखभाल, नि:शुल्क शिक्षा, संस्कारों की शिक्षा, झोला पुस्तकालय, दवा वितरण, टीकाकरण, रक्तदान, मरीजों को फल वितरण, गो सेवा, महिला सशक्तीकरण, नशा उन्मूलन, मतांतरण आदि समस्याओं का समाधान संगठन की ओर से देने का प्रयास हो रहा है।

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गंगा पार और यमुना पार की कुल शाखाओं की संख्या 357 है। इसमें से 45 ग्रामीण व आदिवासी क्षेत्रों में शाखाएं लग रही हैं। प्रयाग विभाग या प्रयागराज जनपद में कुल शाखाओं की संख्या 654 है।

इसमें 113 स्थानों पर विभिन्न प्रकार के सेवा कार्य चल रहे हैं। 132 शाखाएं महानगर की दलित बस्तियों में हैं। इनके जरिए सामाजिक चेतना लाने व आम नागरिकों की समस्याओं के समाधान के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। प्रांत सेवा प्रमुख सत्य विजय सिंह के अनुसार उपक्रम शाखाओं के जरिए जो बदलाव आए हैं उनमें प्रमुख रूप से झूंसी में संजय द्वारा कार्य किया गया।

उन्होंने स्वावलंबन के क्षेत्र में कार्य किया। कई दलित परिवारों की मदद कर दुकान आदि खुलवाया। सिलाई प्रशिक्षण केंद्र चलाकर बालिकाओं महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के दिशा में भी प्रयास हुआ। बाल संस्कार शिक्षण केंद्र चलाकर बच्चों को सुसंस्कृत और राष्ट्रीय भावनाओं को विकसित करने के लिए भी प्रयास चल रहे हैं।

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नशामुक्ति, दहेज मुक्ति के साथ समरस समाज के लिए भी स्वयंसेवक प्रयासरत हैं। आदिवासी क्षेत्र के बच्चों की शिक्षा संस्कार के लिए कीडगंज और सुलेसराय में वनवासी कल्याण आश्रम में बच्चों की शिक्षा-दीक्षा, आवास, भोजन, वस्त्र आदि व्यवस्था की जा रही है। इसके अतिरिक्त समस्याओं को चिह्नित करने के लिए कई क्षेत्रों में सर्वे चल रहा है।

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