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UP News: नकली नोट छापने वाले मदरसे को PDA ने किया सील, जांच के दौरान मिली कई गड़बड़ियां; चल सकता है बुलडोजर

नकली नोट छापने वाले मदरसे को प्रयागराज विकास प्राधिकरण की ओर से बुधवार को सील कर दिया गया। पीडीए की ओर से दिए गए निर्देश का उचित जवाब न देने पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी। 300 वर्ग मीटर में जामिया हबीबिया मस्जिदे आजम 140 अतरसुइया में मदरसा संचालित हो रहा था। पीडीए से मानचित्र पास कराए बिना ही 10 कमरा बनाया गया था। मदरसा की मान्यता भी नहीं है।

By Jagran News Edited By: Nitesh Srivastava Updated: Wed, 04 Sep 2024 05:14 PM (IST)
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PDA कर्मियों द्वारा मदरसा हुआ सील। जागरण

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। नकली नोट छापने वाले जामिया हबीबिया मस्जिदे आजम मदरसा पर आखिरकार बुधवार को सरकारी ताला लग गया। जिस भवन में मदरसा संचालित हो रहा था, उसके निर्माण को अवैध बताते हुए प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) ने सील कर दिया।

पीडीए से बिना नक्शा पास कराए ही दो मंजिले भवन में 12 कमरे बनाए गए थे। पीडीए की ओर से भवन स्वामी को नोटिस जारी करते हुए 15 दिनों में जवाब देने के लिए कहा गया है। अगर संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है तो मदरसे के भवन पर बुलडोजर चल सकता है।

उधर, मुकदमे के विवेचक दारोगा से मदरसे के खजांची ने दावा करते हुए कहा कि मदरसा वर्ष 1942 से संचालित है। उसका रजिस्ट्रेशन 1982 में हुआ था। फिलहाल पीडीए की कार्रवाई से मदरसे से जुड़े लोगों में खलबली मच गई है। पीडीए के अधिकारियों का कहना है कि अभिलेख में आबिद हबीबी का मकान नंबर-140 है, जहां जामिया हबीबिया मजीदे आलम कंपाउंड है।

भवन का निर्माण करीब 300 वर्गमीटर में कराया गया था। इसी परिसर में अवैध रूप से बने भवन में मदरसा संचालित हो रहा था। पीडीए की टीम ने भवन से संबंधित अभिलेखों को खंगाला तो निर्माण को अवैध पाया। इसी आधार बुधवार दोपहर बाद पीडीए के भवन निरीक्षक कुंवर आनंद, इंस्पेक्टर सिविल लाइंस रामाश्रय यादव सहित अन्य पुलिसकर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे। फिर भीतर रहने वाले लोगों और उनके सामान को बाहर निकलवाया गया।

इसके बाद मुख्य गेट पर नोटिस चस्पा करते हुए भवन को सील कर दिया गया। इस दौरान वहां बैनर भी लगाया गया, जिसमें लिखा है कि-अनाधिकृत होने के कारण यह निर्माण सील किया गया है। इस निर्माण में सील को तोड़ना, पुन: निर्माण की कोशिश करना और किसी प्रकार से क्रय-विक्रय करना अवैधानिक एवं दंडनीय अपराध है।

इससे पहले नकली नोट छापने के आरोप में पुलिस मदरसे के मौलवी मो. तफसीरूल आरीफिन, गैंग के सरगना जाहिर खान उर्फ अब्दुल जाहिर, सदस्य मो. अफजल, मो. सादिक को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। मौलवी के कमरे से आरएसएस को आतंकवादी संगठन बताने वाली किताब भी बरामद की गई थी।

छह राज्यों के 106 बच्चे ले रहे थे तालीम

पुलिस का कहना कि पूछताछ और जांच में पता चला है कि मदरसे में छह राज्य के 106 बच्चों को दाखिला रजिस्टर में दिखाया गया है। हालांकि आधे से अधिक बच्चे छुट्टी पर थे। मदरसे में नकली नोट छापने का भंडाफोड़ होने के बाद तमाम बच्चों को उनके घर भेज दिया गया था। मदरसे में बिहार, झारखंड, बंगाल, ओडिशा समेत छह राजय के बच्चे तालीम ले रहे थे। यहां कुल 12 शिक्षक हैं, जो तालीम देते थे। मदरसे के भीतर मौलवी और उसकी मां ही रहती थी।

अल्पसंख्यक कल्याण की रिपोर्ट के अनुसार किराए पर था मदरसा

बताया गया है कि बिना मान्यता के संचालित हो रहे इस मदरसे को लेकर कुछ माह पूर्व जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कृष्ण मुरारी की ओर से शासन को एक रिपोर्ट भेजी गई थी। उसमें कहा गया है कि अतरसुइया स्थित मदरसे का संचालन अंजुमन जामिया हबीबिया सोसायटी कर रही है। इसकी स्थापना वर्ष 1983 में हुई और किराए के भवन में संचालित होता है। मदरसे में कुल 105 बच्चे अध्ययनरत हैं, जिन्हें 11 शिक्षक पढ़ाते हैं। मदरसे में अरबी, फारसी, उर्दू पढ़ाए जाते हैं और कोई पाठ्यक्रम लागू नहीं है।

विभाग के अधिकारी बने रहे अनजान

नकली नोट की छपाई का भंडाफोड़ होने के बाद दूसरे विभाग की पोल खुल गई। एक तरफ जहां मदरसा बिना मान्यता के चल रहा था तो दूसरी ओर भवन का निर्माण भी अवैध था। ऐसे में इसके लिए जिला प्रशासन, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग और प्रयागराज विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को जिम्मेदार माने जा रहे हैं। इन विभाग के अधिकारी सबकुछ जानते हुए भी अनजान बने रहे। इसके चलते सबकुछ नियम विरुद्ध होता रहा।

अतरसुइया में अवैध रूप से संचालित मदरसे को सील कर दिया गया है। मदरसा जिस भवन में संचालित हो रहा था, उसका मानचित्र नहीं पास है। मामले में नोटिस भी जारी किया गया है। उचित जवाब न देने पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जा सकती है।

अरविंद चौहान, उपाध्यक्ष,पीडीए

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