UP News: ओडिशा से आई थी RSS को आतंकी संगठन बताने वाली किताब, नकली नोट गिरोह के सरगना ने खोले कई राज
प्रयागराज में नकली नोट छापने वाले गिरोह के सरगना जाहिर खान ने ओडिशा के मेले से एक किताब खरीदी थी। इस किताब में आरएसएस को आतंकवादी संगठन बताया गया है। जाहिर ने इस किताब को प्रयागराज लाकर पढ़ा और उसके बाद मदरसे का मौलवी मो. तफसीरुल आरीफीन भी बच्चों को यही तालीम दे रहा था। इस मामले की जांच आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) और पुलिस कर रही है।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। नकली नोट छापने वाले जामिया हबीबिया मस्जिदे आजम मदरसा में मिली किताब को लेकर नई जानकारी सामने आई है। पता चला है कि आरएसएस को आतंकवादी संगठन बताने वाली किताब ओडिशा के मेले से खरीदी गई थी।
किताब को नकली नोट छापने वाले गिराेह के सरगना जाहिर खान उर्फ उर्फ अब्दुल जाहिर ने खरीदी थी। इसके बाद किताब को प्रयागराज लाकर पढ़ा। उसी किताब को पढ़ने के बाद मदरसे का मौलवी मो. तफसीरुल आरीफीन भी बच्चों को तालीम दे रहा था।
आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) और पुलिस की तफ्तीश में यह तथ्य प्रकाश में आया है। सूत्रों का कहना है कि मंगलवार को मौलवी समेत चारों आरोपितों को पुलिस ने पुलिस कस्टडी रिमांड पर लिया था। इसके बाद सभी से पूछताछ की गई थी। इस दौरान गिरोह के सरगना जाहिर ने किताब की खरीद से जुड़े राज खोले।
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हालांकि वह रजिस्ट्री के जरिए ओडीसा में क्या-क्या भेजता था, इसको लेकर साफ तौर पर कुछ नहीं कहा। वहीं, मौलवी ने बताया कि जाहिर नकली नोट छपाई के लिए मदरसे के पास पहले अलग से कमरा खोज रहा था। जब उसे कहीं सुरक्षित स्थान नहीं मिला तो मदरसे में ही नोट की छपाई शुरू कर दी थी।
फिलहाल एटीएस की टीम छानबीन के दौरान मिले इनपुट की सच्चाई का पता लगा रही है, ताकि साक्ष्य के आधार पर आर्थिक आतंकवाद के बिंदु पर जांच की दिशा तय हो सके। उधर, पुलिस भी इस मुकदमे में विवेचना में तेजी लाकर जल्द ही सभी आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने की बात कह रही है।
इसे भी पढ़ें-गोरखपुर वासियों को दशहरा तक मिल जाएगा एक और बाईपास फोरलेनमदरसे के कमरे से महाराष्ट्र के पूर्व आइजी एसएम मुशरिफ द्वारा लिखित किताब ‘आरएसएस देश का सबसे बड़ा आतंकवादी संगठन’ मिली थी। इसको लेकर भी छानबीन अभी आगे जारी रहने की बात कही गई है।
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