पिता ने लड़ा दी जान ताकि कैंसर पीड़ित बेटे को मिले जीवनदान, पूरी कहानी जानकर आप भी करेंगे सलाम
एसआरएन कैंसर सर्जन डा. देव कुमार ने कहा कि सचिन का इलाज हो रहा है स्थिति नियंत्रण में है। मुख्यमंत्री सहायता कोष से पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद प्राप्त हो चुकी है उससे सभी जरूरी दवाएं व अन्य चिकित्सा सामग्री मंगाई जा रही है। आपरेशन की तैयारी की जा रही है। पिता रामधनी प्रजापति को इलाज का खर्च वहन करने के लिए अपने हिस्से की जमीन तक बेचनी पड़ी।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। आयुष्मान कार्ड बनने में परिवार के छह सदस्यों की अनिवार्यता ने 10 वर्षीय कैंसर पीड़ित बच्चे के गरीब पिता को तबाह कर दिया। बेटे को जीवनदान मिल सके इसलिए पिता रामधनी प्रजापति को इलाज का खर्च वहन करने के लिए अपने हिस्से की जमीन तक बेचनी पड़ी।
बड़ी मुश्किल से उसे मुख्यमंत्री सहायता कोष से आर्थिक मदद मिल पाई है। स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय के वार्ड 14 में भर्ती बच्चे की हालत में सुधार के लिए डॉक्टरों ने सुविधाओं की विशेष व्यवस्था तक कर दी है।
बारा तहसील क्षेत्र के ग्राम धरा निवासी रामधनी प्रजापति के बेटे सचिन की यूरिन नली में एक साल पहले ट्यूमर हुआ था। पहले तो उसने एसआरएन अस्पताल में इलाज कराया, खर्च का भार बढ़ने लगा तो आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए प्रयास शुरू किया।
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परिवार में सदस्य संख्या पांच ही होने के चलते उसका आवेदन नहीं हो सका। रामधनी के अनुसार उसने रिश्तेदारों और परिवार में अन्य लोगों से आर्थिक मदद मांगी। किसी तरह से दो लाख रुपये जुट पाए। वह इलाज पर खर्च हो गए।
इसके बाद खर्च और बढ़ा तो अपने हिस्से की पांच बिस्वा जमीन में दो बिस्वा जमीन तक बेच दी। उसने बेटे को एसआरएन अस्पताल से निकालकर कमला नेहरू अस्पताल में भी भर्ती कराया। करीब एक साल से बेटे के इलाज को लेकर परेशान रामधनी की निराशा बढ़ती जा रही है। उसने बेटे को दो दिन पहले पुन: एसआरएन अस्पताल में आकर भर्ती कराया।पांच हजार रुपये दे गए एक बुजुर्गरामधनी के अनुसार बुधवार को दिन में करीब 11 बजे एक बुजुर्ग उसके पास अस्पताल में पहुंचे। उन्होंने अपना नाम नहीं बताया। पांच हजार रुपये दिए, कहाकि बेटे का इलाज अच्छे से कराओ। इसके अलावा अनिकेत फाउंडेशन ने भी कहा है कि जो कुछ संभव होगा, सचिन के इलाज में मदद की जाएगी।
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